राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार को उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने पद से इस्तीफा दे दिया। इसी के साथ ही रावत ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष पद पर बने रहें।
असम के प्रभारी रहे रावत ने ट्वीट कर कहा, ”लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार एवं संगठनात्मक कमजोरी के लिए हम पदाधिकारी गण उत्तरदायी हैं।”
उन्होंने कहा, ”असम में पार्टी द्वारा अपेक्षित स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पाने के लिए प्रभारी के रूप में मैं जिम्मेदार हूं। मैंने अपनी कमी को स्वीकारते हुए महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है।”
राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करते हुए रावत ने कहा, ”प्रेरणा देने की क्षमता सिर्फ राहुल गांधी जी में है। उनके हाथ में बागडोर रहे तो संभव है कि हम 2022 में होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में स्थिति बदल सकते हैं और 2024 में भाजपा एवं नरेंद्र मोदी को परास्त कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, ”ऐसे में सभी लोकतांत्रिक शक्तियां और कांग्रेसजन राहुल जी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं।”
दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद से अपने इस्तीफे को लेकर बनी असमंजस की स्थिति पर पूर्णविराम लगाते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को त्यागपत्र की औपचारिक घोषणा कर दी और पार्टी को सुझाव दिया कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए एक समूह गठित किया जाए क्योंकि उनके लिए यह उपयुक्त नहीं है कि इस प्रक्रिया में शामिल हों।
चुनावी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की ”भविष्य के विकास” के लिए उनका इस्तीफा देना जरूरी था।