प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत” मे महिलाएं”आर्किटेक्ट” की भूमिका में

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हिंदुस्तान प्राचीन काल से ही नारी को पूज्यनीय मानते हुए उनका सदैव आदर करता आया है, इसलिए वेदों में कहा भी गया है ” यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः” अर्थात जहाँ नारी पूजा होती है वहाँ स्वयं भगवान निवास करते है । 

लोकतंत्र के इस मंदिर में अब तक कि सर्वाधिक महिला सांसदों को देश ने चुनकर संसद में पहुँचाया ही था कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक कार्य करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में 11 महिला सांसदों को जगह प्रदान करते हुए “सबका साथ सबका विकास”  के नारे को साकार करने की ओर एक ठोस कदम उठाया है । 

भारतीय महिलाओं ने हर मौके पर अपना लोहा मनवाया है , चाहे  फिर खेल जगत हो, समाजसेवा हो, गृहस्थ जीवन हो, या बिज़नेस जगत आदि क्यों न हो । नारीशक्ति के साथ मे भारत एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है और अब ट्रांसफार्मिंग इंडिया से लेकर आत्मनिर्भर भारत तक के सपनो को साकार करने में महिलाओं की भूमिका मोदी जी के इस फैसले के बाद और ज्यादा बढ़ गयी है इसलिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ कैबिनेट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति, रेणुका सिंह सरुता, मीनाक्षी लेखी, शोभा कारंदलजे, दर्शना जरदोश, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, भारती पवार और अनुप्रिया पटेल को शामिल किया। महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित कर आर्थिक और सामाजिक विकास के नये पैमानों को तैयार किया है। 

इस महान राष्ट्र की नींव को मजबूत करने में भारत की नारीशक्ति की भूमिका महत्पूर्ण है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जीवन के सभी क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है।

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