नई दिल्ली : ईसाई पादरी और कार्यकर्ता स्टेन स्वामी 84 वर्षीय का सोमवार दोपहर मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह मामले में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मिलने का इंतजार कर रहे थे. उनके निधन पर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ के उच्च मानवाधिकार अधिकारियों ने ईसाई पादरी और कार्यकर्ता स्टेन स्वामी के निधन पर दुख जताया है. इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने फादर स्टेन स्वामी को कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए गिरफ्तार किया था और हिरासत में लिया था.
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि भारत में प्राधिकारी, अधिकारों के वैध प्रयोग के विरुद्ध नहीं बल्कि कानून के उल्लंघन के खिलाफ काम करते हैं. साथ ही मंत्रालय ने स्वामी मामले से निपटने के तौर तरीको को लेकर आलोचना पर कहा है कि सभी कार्रवाईयां कड़ाई से कानून के अनुसार की जाती हैं. उन्हें बंबई उच्च न्यायालय ने निजी अस्पताल में स्वामी का इलाज कराने की अनुमति दी थी और उनके स्वास्थ्य और इलाज पर अदालतें करीबी नजर रख रही थीं.
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने कहा है कि स्वतंत्र न्यायपालिका और विभिन्न मानवाधिकार निकायों ने भारत की लोकतांत्रिक और संवैधानिक राज्य तंत्र की सराहना करने के साथ ही कहा है कि भारत अपने सभी नागरिकों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है