सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के कई हिस्सों में जगन्नाथ रथ यात्रा की अनुमति की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सरकार ने सिर्फ पुरी जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा की परमिशन दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आशा है कि भगवान अगले वर्ष रथयात्रा की अनुमति देंगे। अदालत ने पाबंदियों के साथ पुरी में रथयात्रा के सरकार के निर्णय को सही बताया है। अन्य हिस्सों में सिर्फ मंदिर के अंदर पूजा कर सकते हैं।
इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैं भी पुरी जाना चाहता हूं। उम्मीद है अगले साल भगवान सभी रस्म पूरा करने की परमिशन देंगे, लेकिन इस वर्ष वार्षिक रथयात्रा उत्सव श्रद्धालुओं के बगैर होगा। रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं है। जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि प्रशासन ने फैसले की समीक्षा की है। रथयात्रा को घरों और होटलों की छतों से देखने पर पाबंदी लगा दी है।
उन्होंने कहा कि उत्सव के एक दिन पहले शहर में कर्फ्यू लगाया जाएगा, जो अगले दिन दोपहर तक लागू रहेगा। वर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगातार दूसरे साल श्रद्धालुओं की भागीदारी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, ‘लोग टेलीविजन पर इसका सीधा प्रसारण देख सकेंगे।’ जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक केवी सिंह के साथ तैयारियों का जायजा लेने के लिए तीन किमी लंबी भव्य सड़क का दौरा किया। सिंह ने बताया कि सड़क के दोनों ओर 230 घर और 41 होटल और लॉज हैं। उन्होंने कहा कि छतों पर इकट्ठा हो सकते हैं, लेकिन प्रशासन ने सभाओं को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘होटलों और लॉज को रथ यात्रा से दो दिन पहले बुकिंग नहीं लेने का निर्देश दिया है।’ पुलिस अधिकारी ने कहा कि त्योहार से पहले पुरी की ओर जाने वाली सभी सड़कों को सील कर दियाजाएगा। प्रदेश और देशभर के लोगों से शहर नहीं आने का अनुरोध किया गया है। ‘ सरकार के प्रमुख प्रवक्ता सुब्रतो बागची ने कहा कि हमने एक नारा दिया है घर रुकंतु रूहंतु (घर में रहें स्वस्थ्य रहें। उन्होंने जनता से कोविड टेस्ट और वैक्सीन लगवाने का आग्रह किया।