कोरोना के नए मामले भले ही कम हो रहे हैं और तीसरी लहर को लेकर विज्ञानी एकमत नहीं हैं, लेकिन एसबीआइ का मानना है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह के बाद कोरोना संक्रमण के नए मामलों में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है। कम-से-कम एक माह के बाद तीसरी लहर का पीक आएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गत सात मई को दूसरी लहर का पीक आया था और जुलाई के दूसरे सप्ताह के बाद कोरोना संक्रमण के नए मामलों का स्तर रोजाना 10 हजार तक आ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण के बावजूद दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं। इस मामले में इजरायल का हवाला देते हुए कहा गया है कि इजरायल की 60 फीसद आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है। यहां तक कि इजरायल के 12-18 साल के 33 फीसद बच्चों को टीके की पहली डोज मिल चुकी है, तो 23.8 फीसद को दोनों डोज। इसके बावजूद इजरायल में कोरोना संक्रमण के नए मामले जून के आखिरी सप्ताह से बढ़ने लगे हैं।
भारत में अभी सिर्फ 4.6 फीसद आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण हो पाया है और 20.8 फीसद लोगों को टीके की एक डोज मिली है, जो आबादी के फीसद के लिहाज से अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, स्पेन व फ्रांस के मुकाबले कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिक समृद्ध देश या अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में कोरोना से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा व राजस्थान जैसे कम प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में प्रति 10 लाख पर होने वाली मृत्यु महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, हिमाचल प्रदेश के मुकाबले कम रही।एसबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, जापान, पोलैंड, पुर्तगाल, रूस जैसे देशों में डेल्टा स्ट्रेन पाए गए हैं।
ब्रिटेन में ठीक-ठाक टीकाकरण के बावजूद कोरोना संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं। भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले 12 राज्यों में पाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सात दिनों से कोरोना के नए मामले 45,000 के आसपास हैं। कोरोना की पहली लहर में 21 दिनों तक 45,000 के आसपास नए मामले रहने के बाद मामलों की संख्या में तेजी से गिरावट हुई थी।