भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सीएम बेहद सख्त दिखे, उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका तक स्कूल पूरी तरह से बंद रहेंगे, इस दौरान बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी, साथ स्कूल संचालक ट्यूशन फीस के अलावा और कोई अन्य राशि नहीं वसूलेंगे. सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता है.
बच्चों की जिंदगी दांव पर नहीं लगा सकते
सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बावजूद कई लोग बिना मास्क के घूमते हैं, ऐसे लोगों को मास्क लगाने की जरुरत है, ताकि खुद के साथ दूसरों की जिंदगी से बचाई जा सके, सीएम ने कहा कि कोरोना के कहर के बीच स्कूल इसलिए नहीं खोले जाएंगे, क्योंकि हम बच्चों की जिंदगी दांव पर नहीं लगा सकते हैं. इसलिए तीसरी लहर के खतरे तक स्कूल नहीं खोले जाएंगे. सिर्फ पहले से निर्धारित ट्यूशन फीस ही ली जाएगी, इसमें कोई भी बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकेगी, न ही किसी प्रकार का कोई शुल्क वसूला जाएगा.
मास्क लगाना जरुरी, लेकिन लापरवाही कर रहे लोग
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये चिंता का विषय है कि लोग अब बिना मास्क के घूम रहे हैं,उन्होंने कहा कि मंत्रालय के सामने बाजार में एक साथ 600 से ज्यादा लोग देखे गए, इसमें से 70% ने मास्क नहीं लगाए थे.
हर महीने 1 लाख लोगों के लिए रोजगार की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा की तीसरी लहर को रोकने की तैयारी के साथ रोजगार मूलक कार्यों को तेज शुरू किया जाए, मुख्यमंत्री ने कहा की सरकार अलग-अलग माध्यम से हर महीने एक लाख रोजगार देने का प्रयास करेगी.
सीएम ने क्राइसिस मैनेजमेंट की ली बैठक
मुख्यमंत्री ने क्राइसिस मैनेजमेंट समूह की बैठक भी ली, इसमें जिला ब्लॉक वार्ड ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को रोकने के लिए भीड़ पर काबू करें.अभी भी ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की मारामारी लगातार है, मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई, कि एंफोटरइसिन बी और टोसीजोमान इंजेक्शन के लिए रेट कांटेक्ट किया जा रहा है.
महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण मंत्री समूह की बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण पर मंत्री समूह की बैठक ली, उन्होंने कहा कि कोर्सेस में जहां महिलाओं को कमजोर दिखाया गया है, उन अंशों को फ़ौरन हटाया जाए, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिला और पुरुषों के पदनाम एक किए जाएं, उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों का ऑडिट कर उन्हें जेंडर न्यूट्रल बनाने का कार्य करें.
इसके साथ ही महिला अधिकारियों कर्मचारियों के पदनाम के लिए उपयोग की जाने वाली शब्दावली में भी समानता का भाव लाने के दिशा निर्देश तय किए गए, शिक्षिका प्राचार्य के स्थान पर महिला पुरुषों के लिए समान शब्दावली जैसे शिक्षक प्राचार्य, पद नाम का उपयोग किया जाए, बैठक में बालिकाओं के प्रोत्साहन स्वास्थ्य और पोषण सुरक्षा शिक्षा स्तर में संवर्धन महिलाओं के सम्मान का वातावरण, जेंडर, बजटिंग संपत्ति अधिकार को बढ़ावा देने आर्थिक सशक्तिकरण बाल शोषण के संबंध में अनुशंसा प्रस्तुत की गई, बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर सहित अधिकारी मौजूद रहे.