प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जुलाई को कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, मोदी 2.0 का पहला विस्तार बुधवार को सुबह 11 बजे होगा। कैबिनेट में अभी 28 मंत्री पद खाली हैं और बताया जा रहा है कि 17-22 सांसदों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक मोदी ने 2 दिन तक गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ कैबिनेट विस्तार पर बैठकें की हैं।
UP-बिहार-महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से बनेंगे मंत्री
मध्य प्रदेश: राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में अहम रोल निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी कैबिनेट का नया युवा चेहरा बन सकते हैं। उनके अलावा जबलपुर से भाजपा सांसद राकेश सिंह का भी नाम है। मध्य प्रदेश से 1-2 नामों की चर्चा कैबिनेट विस्तार के लिए है।
बिहार: लोजपा से सांसद पशुपति कुमार पारस और JDU के आरसीपी सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है। बिहार से 2-3 नामों की चर्चा है।
उत्तर प्रदेश: अपना दल की अनुप्रिया पटेल का नाम सबसे आगे है। अनुप्रिया पिछले महीने दिल्ली जाकर गृह मंत्री अमित शाह से भी मिली थीं। उनके अलावा वरुण गांधी, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम के नाम की भी चर्चा है।
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र से भाजपा सांसद हिना गावित को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। उनके अलावा भूपेंद्र यादव, पूनम महाजन और प्रीतम मुंडे का नाम भी चर्चा में है।
3 पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक डिप्टी CM की चर्चा
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को भी केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। तीरथ सिंह रावत ने 2 दिन पहले 3 जुलाई को ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। इनके अलावा बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
इनके अलावा लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग नामग्याल, उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी, कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक, हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी शपथ लेने वालों में हो सकता है।
हटाए जा सकते हैं थावर चंद गहलोत
अभी मध्य प्रदेश से मोदी कैबिनेट में 4 मंत्री हैं। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, थावर चंद गहलोत और फग्गन सिंह कुलस्ते। कुलस्ते या थावर चंद में से किसी एक को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है। ज्यादा चर्चा 73 साल के थावर चंद के नाम की है, जो 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लगातार उनकी कैबिनेट में शामिल रहे हैं।