रायपुर।
आय से अधिक संपत्ति मामले में छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) गुरजिंदर पाल सिंह (जीपी सिंह) के कई ठिकानों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की छापेमारी में अधिकारियों को एक डायरी मिली है। इसमें पुलिस महकमे के बड़े अधिकारियों के खिलाफ तंत्र-मंत्र कराने का राज खुला है। तीन दिनों की जांच में अब तक करीब 10 करोड़ रुपये की जीपी सिंह की चल-अचल संपत्ति का पता चला है।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि डायरी में अधिकारियों, नेताओं और मीडियाकर्मियों के नाम कोडवर्ड में लिखे गए हैं। डायरी के एक पन्ने में लिखा है कि थाईलैंड से 20 पैर वाला कछुआ आ गया है, जिसकी बलि देने के बाद विरोधियों के ग्रह भारी हो जाएंगे। उसके पास इतनी ताकत आ जाएगी कि कुछ भी कर सकता है। सूत्रों की मानें तो कुछ अधिकारियों का नाम कोडवर्ड में छोटा टकला, अनोपचंद, त्रिलोकचंद रखा गया है। डायरी में कई आइएएस और आइपीएस के नाम भी लिखे हैं।
गौरतलब है कि एसीबी व ईओडब्ल्यू ने गुरुवार से जीपी सिंह के बंगले सहित 15 ठिकानों की जांच शुरू की थी। जांच शनिवार देर रात तक चलती रही। जांच में विदेश में बैंक खाते और निवेश संबंधी अहम दस्तावेज मिले हैं। कनाडा, ब्रिटेन सहित विदेश में बसे रिश्तेदारों के जरिये निवेश की जानकारी की भी जांच हो रही है।
वार्षिक रिपोर्ट में केवल दो संपत्तियों का उल्लेख
सरकारी सेवकों को प्रति वर्ष अपनी अचल संपत्ति की जानकारी (आइपीआर) सरकार को देनी पड़ती है। एडीजी जीपी सिंह अपने आइपीआर में केवल दो अचल संपत्तियों का उल्लेख करते हैं। इसमें से एक भोपाल के हुजूर में 10 हजार वर्गफीट और दूसरा रायपुर के धरमपुरा में चार हजार वर्गफीट का प्लाट। दोनों प्लाट की कीमत 10-10 लाख रुपये बताई है।