तीन दिन में ही उड़ीं आदेश की धज्जियां, रेत खनन से छलनी हो रहा सिंध का सीना

भिण्ड मध्यप्रदेश

भिंड। राज्य स्तरीय पर्यावरण निर्धारण प्राधिकरण (सिया) के निर्देश पर 30 जून को नदियों से खनन पर रोक के आदेश कलेक्टर द्वारा जारी किए जाने के बाद भी बीते तीन दिनों से सिंध की खदानों पर रेत का अवैध खनन जारी है. माफिया पर लगाम लगने की बजाय इस बार मायनिंग विभाग ही संदेह के घेरे में खड़ा हो गया है. माफिया लगातार रेत निकाल कर सड़कों के किनारे डम्प कर रहे हैं इस पूरे मामले में कलेक्टर ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही है.

नदियों से रेत खनन पर रोक
जिले में सिंध नदी के किनारे लहार, मेहगांव और भिंड के ऊमरी समेत कई रेत खदानें प्रशासन ने लीज पर दी हुई हैं. यहां निरंतर खनन कर निर्माण कार्यों के लिए रेत आपूर्ति की जाती है. जिसके लिए बाकायदा शासन की रॉयल्टी भी काटी जाती है. बरसात के समय में एनजीटी ने नदियों से रेत के खनन पर पूर्णतः रोक लगा दी है.

नहीं रुक रहा अवैध खनन
कलेक्टर के आदेश और एनजीटी की रोक के बावजूद भिंड जिले में सिंध नदी से अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रही है. शनिवार को रोक के आदेश के तीसरे ही दिन ऊमरी क्षेत्र के खेरा श्यामपुरा गांव में सिंध नदी से अवैध खनन की तस्वीरें सामने आई हैं. इसके अलावा बीहड़ इलाकों से गुजरी सिंध नदी के किनारे पनडुब्बी मशीनें डालकर माफिया रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. कोई ठोस कार्रवाई न होने से माफिया सरकारी आदेशों की भी धज्जियाँ उड़ा रहे हैं.

माइनिंग विभाग की सफाई
रेत खनन पर 30 जून से 30 सितम्बर तक रोक लगायी गई है. शनिवार को तीन दिन बाद जनसम्पर्क विभाग से सार्वजनिक होने पर माइनिंग विभाग पर सवाल खड़े होने लगे हैं. आखिर विभाग ने तीन दिन पहले यह अफवाह सार्वजनिक क्यों नहीं की? क्या खुद विभाग के अधिकारी इस अफवाह को दबा गए. वहीं इन आरोप के साथ खेरा श्यामपुरा में चल रहे अवैध खनन पर जब हमने जिला माइनिंग अधिकारी आरपी भदकारिया से फोन पर सम्पर्क किया, तो उन्होंने सफाई देते हुए बताया कि उनकी ओर से 30 जून को ही सभी जगह और खदानों पर यह आदेश सरकुलेट करा दिया गया था. हालांकि उन्होंने अवैध उत्खनन मामले में निरीक्षण कर देखने की बात कही है.

जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाईः कलेक्टर
रेत के अवैध खनन को लेकर भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने कहा कि इस पूरे मामले में जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. यदि खदान संचालकों द्वारा रोक के बावजूद रेत निकाल जा रहा है तो उन पर कार्रवाई होगी. आदेश सरकुलेट करने में माइनिंग विभाग ने लेट लतीफी की है तो संबंधित अधिकारी की गलती पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.

हर साल बरसात में क्यों लगती है खनन पर रोक ?
बता दें कि वर्षाकाल जलीय जीवों के लिए प्रजनन का समय होता है. ऐसे में जलीय जीव नदियों में विचरण करते हैं और प्रजनन क्रिया से गुजरते हैं. यदि नदी में खनन जारी रहता है, तो इन जलीय जीवों के जीवन पर संकट हो सकता है. कई बार खनन के दौरान जलीय जीव जैसे- कछुए, घड़ियाल और अन्य दुर्लभ जीवों की मौत खनन के दौरान मशीनों की चपेट में आने से होने जैसे मामले सामने आए हैं. जिसे देखते हुए एनजीटी द्वारा हर साल जून से अक्टूबर तक यानी वर्षाकाल में नदियों से खनन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाती है.

हमें 30 को सूचना प्राप्त हुआ थी. उसी दिन हमने सभी जगह इसे सरकुलेट कर दिया था और खदानों में रेत का खनन भी उसी दिन से बन्द है. यदि कहीं अब भी ऐसा किया जाता पाया जाएगा, तो शासन के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

आरपी भदकारिया, जिला खनिज अधिकारी

इस सम्बंध में जानकारी मिली है. हम जांच कर रहे हैं, जो भी जिम्मेदार होंगे उन पर कार्रवाई होगी. अगर माइनिंग विभाग की गलती सामने आती है, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

सतीश कुमार एस, कलेक्टर भिंड

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