बिहार में एईएस से लगातार हो रही मौतों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार दे 7 दिनों में रिपोर्ट मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, बिहार सरकार और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. बिहार से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है और तीन मुद्दों पर जवाब मांगा है. चमकी बुखार से बिहार में अब तक 169 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस पर कोर्ट गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है. ये ऐसे ही नहीं चल सकता. हमें जवाब चाहिए.’ कोर्ट ने जिन तीन मुद्दों पर जवाब मांगा है उनमें स्वास्थ्य सेवाओं की पयार्प्तता, पोषण और साफ सफाई शामिल है.
सर्वोच्च अदालत में मुजफ्फरपुर मामले से जुड़ी दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि बिहार सरकार को मेडिकल सुविधा बढ़ाने के आदेश दिए जाएं. इसके साथ-साथ केंद्र सरकार को भी इस बारे में एक्शन लेने को कहा जाए. मालूम हो कि बिहार में AES का कहर लगातार जारी है. सूबे के मुजफ्फरपुर समेत 12 जिलों में इस बीमारी से बच्चों की मौत हो रही है.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 10 दिन बाद करेगी. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से तीन मुद्दों पर हलफनामा दायर करने को कहा है जिसमें हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन का मामला है. SC ने केंद्र और बिहार सरकार से कहा है कि वो एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम के कारण हुई बच्चों की मौत के बा इसकी जांच के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सूचित करें. कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बच्चों के पोषण, स्वच्छता और स्वच्छता के बारे में गंभीर चिंता जताई है. जानकारी के मुताबिक अदालत ने कहा है कि ये मूल अधिकार हैं, जिन्हें मिलना ही चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में पेयजल की स्थिति के साथ-साथ अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. बच्चों की मौत के बाद जनहित याचिका मनोहर प्रताप और एस अजमानी ने दाखिल किया था.
मौत का आंकड़ा
बिहार में AES से अबतक 169 बच्चों की मौत हुई है जिनमें से मुजफ्फरपुर में अकेले 132 बच्चों की मौत शामिल है. हाजीपुर में 11, समस्तीपुर में 6, मोतिहारी में 7 बच्चों की मौत हुई है. पटना के PMCH में एक बच्चे की मौत हुई है तो शिवहर में AES से 2 बच्चों की मौत हुई है. भागलपुर में 5 बेगूसराय में एक बच्चे, भोजपुर में एक, सीवान में अब तक दो बच्चों की मौत हुई है. बेतिया की बात करें तो यहां AES से एक बच्चे की मौत हुई है. लगातार हो रही बच्चों की मौत का मामला सदन में भी उठ चुका है.