आधार संशोधन विधेयक पेश

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  • कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आधार संशोधन विधेयक 2019 लोकसभा में पेश किया
  • जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 356 पर बहस के लिए करीब तीन घंटे का वक्त होगा

नई दिल्ली. लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार और अन्य कानून संशोधन बिल 2019 पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल 2019 पेश करेंगे। जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक को फरवरी में कैबिनेट और राष्ट्रपति से मंजूरी मिल चुकी है। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद शाह अपना पहला बिल पेश करेंगे।

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 10 घंटे का समय तय किया गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 356 को जारी रखने के प्रस्ताव पर तीन घंटे बहस होगी। इससे पहले मोदी सरकार ने शुक्रवार को दूसरे कार्यकाल में तीन तलाक को लेकर नया बिल पेश किया था। अब इस पर चर्चा होनी है। हालांकि, विपक्ष पहले ही इसका विरोध कर चुकी है।

‘पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालों को देश में रहने का अधिकार किसने दिया?’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि सेना के आधुनिकीकरण का सिलसिला जारी है। नितिन गडकरी ने कहा कि मुंबई-गोवा प्रोजेक्ट एक साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक, गंगा स्वच्छता अभियान के तहत 45 परियोजनाएं पूरी कर ली गईं। केंद्रीय मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने सदन में कहा, ‘‘जो लोग भारत के टूकड़े टूकड़े करने तक जंग रहेगी, पाकिस्तान जिंदाबाद, और अफजल गुरु जिंदाबाद कहते हैं। इन लोगों को देश में रहने का अधिकार किसने दिया?’’

जम्मू-कश्मीर के हर वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलेगा
शाह के द्वारा पेश किए जाने वाले बिल के तहत जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन किया जाएगा। बिल के पास होने से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। आरक्षण नियम में संशोधन कहता है कि कोई भी व्यक्ति जो पिछड़े क्षेत्रों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सुरक्षा कारणों से चला गया हो उसे भी आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।

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