टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार हत्याकांड फिल्म इंडस्ट्री के सबसे चर्चित मामलों में से एक है। सालों बाद अब हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के फैसले से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल रऊफ मर्चेंट को बड़ा झटका लगा है, यानि कोर्ट ने दोषी राउफ मर्चेंट की सजा कायम रखी है। वहीं, राज्य सरकार की तरफ से रमेश तौरानी वाले चैलेंज को कोर्ट ने ठुकरा दिया है। रमेश तौरानी को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है।
12 अगस्त 1997 को मुंबई के जुहू इलाके में गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी। आज करीब 24 साल बाद इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुनाया है। गुलशन कुमार हत्याकांड में बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने अपना फैसला सुनाया और अब्दुल रऊफ मर्चेंट की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा। वहीं, कोर्ट ने रमेश तौरानी की बरी के फैसले को बरकरार रखते हुए तौरानी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील खारिज कर दी है।
रऊफ मर्चेंट को 1997 में टी-सीरीज़ के प्रमुख गुलशन कुमार की हत्या के लिए 2002 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। अप्रैल 2002 में उसे उम्रकैद की सजा मिली थी। फिर 2009 में वह पैरोल पर बाहर आया था और बांग्लादेश भाग गया। फिर बाद में उसे बांग्लादेश से भारत लाया गया था। आरोपी अब्दुल राशिद दाउद मर्चेंट को आईपीसी की धारा 302, 307 और 34 के तहत दोषी पाया गया है।
कोर्ट का कहना है राउफ मर्चेंट किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है। उसकी सजा जारी रहेगी, क्योंकि वह पहले भी पैरोल के बहाने बांग्लादेश भाग गया था।
आपको बता दें कि गुलशन कुमार की हत्या जूहू इलाके में की गई थी। जब वह रोज की तरह पश्चिमी मुंबई के अंधेरी इलाके में जीतनगर स्थित जीतेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 8 बजे पूजा करने पहुंचे थे, तब बदमाशो ने घटना को अनजाम दियाथा। उन्होंने मंदिर के बाहर गुलशन कुमार के शरीर को 16 गोलियों से छलनी कर दिया गया था। उनकी हत्या की खबर से पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी।