देश को जल्द ही कोरोना के खिलाफ एक और वैक्सीन मिलनेवाला है। बेंगलुरु बेस्ड फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की वैक्सीन जायकोव-डी ( ZyCoV-D) के तीनों चरणों का ट्रायल पूरा हो चुका है। अगर DGCI ने इसे मंजूरी दे दी, तो 12 साल से 18 साल के किशोरों के लिए भी टीकाकरण शुरु किया जा सकेगा।
12 से 18 साल के किशोरों के लिए सुरक्षित
भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने गुरुवार को कहा कि उसने अपनी कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी ( ZyCoV-D) के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मांगी है। कंपनी ने कहा कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक सेंटरों में अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए क्लीनिकल ट्रायल किया है। कंपनी ने इसे दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन बताया और कहा कि यह बच्चों के लिए भी सुरक्षित है।
बिना सूई के लगेगा टीका
खास बात ये है कि ZyCoV-D वैक्सीन को सूई या इंजेक्शन के बजाए जेट इंजेक्टर से लगाया जाएगा।अमेरिका में जेट इंजेक्टर का उपयोग धड़ल्ले से होता है। इसमें वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाता है। आमतौर पर जो इंजेक्शन यूज होते हैं, उनसे फ्लूड या दवा मसल्स में दी जाती है। जेट इंजेक्टर में बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है, फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं। मशीन पर लगे बटन को क्लिक करने से वैक्सीन की दवा अंदर शरीर में पहुंच जाती है। ZyCoV-D वैक्सीन की कुल तीन डोज लेनी होती हैं। माना जाता है कि सुई का इस्तेमाल नहीं करने से साइड इफेक्ट का खतरा कम होता है।
DCGI की मंजूरी मिलने पर ZyCoV-D देश का पांचवां अप्रूव्ड कोरोना वायरस वैक्सीन होगा। दो दिन पहले ही अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना के कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिली है। इससे पहले Covishield, भारत बायोटेक की Covaxin और रूसी वैक्सीन Sputnik V को अप्रूवल मिल चुका है।