वर्ल्ड बैंक ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए भारत की मदद के लिए 50 करोड़ डॉलर यानी 3,717.28 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी। विश्वबैंक ने एक बयान में कहा कि यह ऋण असंगठित क्षेत्र के मजदूर वर्ग की मदद के लिए दिया जा रहा है और इसकी मदद से महामारी, भविष्य की स्थिति और आपदा के प्रभावों से निपटने में राज्यों को मजबूती मिलेगी। 50 करोड़ डॉलर ऋण में से 11.25 करोड़ डॉलर रियायती ऋण देने वाली उसकी एजेंसी अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA) की ओर से दिया जाएगा। शेष 38.75 करोड़ डॉलर का कर्ज पुनर्निर्माण और विकास के लिए वर्ल्ड बैंक द्वारा मंजूर किया गया है। मौजूदा नियमों के मुताबिक भारत को यह ऋण 18.5 वर्षो में लौटाना है। इसमें पांच वर्ष की छूट की अवधि शामिल है।
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से गरीब और कमजोर परिवारों की मदद के लिए भारत के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए वह अबतक 1.65 अरब डॉलर यानी 12,264.54 करोड़ रुपये का ऋण दे चुका है। उसने कहा कि इस राशि का उपयोग शहर के अनौपचारिक श्रमिकों, अस्थायी कर्मियों और प्रवासी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम में किया जाएगा।
भारत में विश्वबैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि इस रकम का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा में निवेश करके अर्थव्यवस्थाओं और आजीविका के साधनों का निर्माण करना है। यह भारत में विश्वबैंक द्वारा समर्थित सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का व्यापक उद्देश्य का हिस्सा है।