नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अलग अंदाज में मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि अक्सर मन की बात में आपके प्रश्नों की बौछार रहती है। इस बार मैंने सोचा कि कुछ अलग किया जाए। मैं आपसे प्रश्न करूं। पीएम मोदी ने सवाल किए कि ओलंपिक में इंडिविजुअल गोल्ड जीतने वाला पहला भारतीय कौन था? कौन से खेल में भारत ने अब तक सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं? किस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा पदक जीते हैं? उन्होंने टोक्यो ओलंपिक के बहाने महान एथलीट मिल्खा सिंह को याद किया और कहा कि जब वे अस्पताल में थे, मेरी बात हुई थी। उनसे कहा था कि आपने तो 1964 के टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था इसलिए इस बार जब हमारे खिलाड़ी टोक्यो जा रहे हैं तो आपको हमारे एथलीट्स का मनोबल बढ़ाना है, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना है। वो खेल को लेकर इतने समर्पित और भावुक थे कि बीमारी की हालत में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी लेकिन दुर्भाग्य से नियती को कुछ और ही मंजूर था।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में तो अधिकांश खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों, कस्बों, गांवों से निकल कर आते हैं। उन्होंने कहा कि जब टैलेंट, डेडिकेशन, डेटर्मिनेशन और स्पोर्ट्समैन स्पिरिट एकसाथ मिलते हैं तब जाकर कोई चैम्पियन बनता है। पीएम ने कहा कि टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है। कई साल की मेहनत रही है। वो केवल अपने लिए नहीं जा रहे बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। हमें जाने-अनजाने में इन खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनाना, खुले मन से इनका साथ देना है। हर खिलाड़ी का उत्साह बढ़ाना है।
पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के लिए जा रहे हमारे खिलाड़ियों के दल में कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है। उनके माता-पिता मजदूरी कर परिवार चलाते हैं और अब उनका बेटा अपना पहला ओलंपिक खेलने टोक्यो जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ उनके माता-पिता ही नहीं, हम सभी के लिए गौरव की बात है। पीएम ने महाराष्ट्र के सतारा जिले के प्रवीण जाधव, महिला हॉकी खिलाड़ी नेहा गोयल, कभी विश्व की नंबर वन तीरंदाज रहीं दीपिका कुमारी, यूपी के मुजफ्फरनगर की प्रियंका गोस्वामी, भाला फेंक स्पर्धा में भाग लेने जा रहे वाराणसी के शिवपाल सिंह, चिराग शेट्टी, सात्विक साईराज, मनीष कौशिक, सीए भवानी देवी के जीवन संघर्ष की भी चर्चा की। पीएम मोदी ने हाल ही में एक दिन में सर्वाधिक वैक्सीनेशन के रिकॉर्ड की चर्चा की और मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के निवासी एक ग्रामीण से बात की और वैक्सीनेशन को लेकर पूछा। ग्रामीण के टीका न लगवाने की बात सुन पीएम मोदी ने कहा कि मैं और मेरी माता ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं। आप भी वैक्सीन लगवाएं। पीएम मोदी ने कहा कि यदि कोई ये कह रहा कि कोरोना चला गया तो भ्रम में मत रहिए। ये बहुरुपिया बीमारी है।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे बचाव के दो रास्ते हैं। एक वैक्सीन लगवाएं और दूसरा मास्क लगाएं और अन्य प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने ग्रामीणों से बात करते हुए सभी से यह कहने की अपील किया कि जब भी आपका नंबर आए, वैक्सीन जरूर लगवाएं। पीएम ने गांव में क्वारंटीन सेंटर बनाए जाने, अन्य प्रोटोकॉल बनाने का जिक्र करते हुए गांवों की सराहना की और कहा कि गांव के हर एक व्यक्ति को वैक्सीन लग जाए। हमें सुस्त नहीं पड़ना है। किसी भ्रांति में नहीं रहना है। पीएम मोदी ने जल संरक्षण की चर्चा की और उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के शिक्षक भारती की चर्चा करते हुए उनकी तारीफ की। पीएम ने कहा कि गांव के खेतों में मेड़ बनाए और इससे पानी बचा। हमें इनसे प्रेरणा लेकर पानी बचाना चाहिए। मॉनसून के इस मौसम में हमें पानी को बर्बाद नहीं होने देना चाहिए। पीएम ने आयुर्वेद की भी चर्चा की। पीएम ने उत्तराखंड के पारितोष के गिलोय को लेकर पत्र और मध्य प्रदेश के राम लोटन कुशवाहा की चर्चा की और कहा कि स्थानीय वनष्पतियों के माध्यम से आपके क्षेत्र की पहचान भी बढ़ेगी और आय का नया स्रोत भी मिलेगा। पीएम मोदी ने 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे और सीए डे की चर्चा करते हुए पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय को याद किया। पीएम मोदी ने डॉक्टर्स की सेवा की सराहना करते हुए कहा कि कुछ लोग हैं जो डॉक्टर्स की मदद के लिए भी काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने गुरुप्रसाद महापात्रा को भी याद किया और कहा कि वे कोरोना संक्रमण के दौरान भी वे खुद की परवाह किए बिना कई मोर्चों पर लड़ते रहे। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के कारण जान गंवाने वाले हर व्यक्ति को श्रद्धांजलि होगी कि हम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें और वैक्सीन जरूर लगवाएं। पीएम मोदी ने गुरुप्रसाद का पत्र पढ़ा जो तमिलनाडु के लिए उनकी ओर से कही गई बातों को लेकर तैयार की गई ई-बुक को लेकर था। पीएम ने खुद को तमिल संस्कृति का बड़ा प्रशंसक बताया और कहा कि गुरुप्रसाद की इस ई बुक को नमो एप पर अपलोड करूंगा। पीएम मोदी ने इंडिया फर्स्ट का मंत्र दिया और कहा कि हमारे हर फैसले का यही आधार होना चाहिए। पीएम मोदी ने युवा लेखकों की तारीफ करते हुए कहा कि 20वीं और 21वीं सदी में जन्में युवा भी 19वीं सदी के स्वतंत्रता संग्राम को लेकर जानकारी जुटा रहे हैं, लिख रहे हैं। पीएम ने अमृत महोत्सव से जुड़ने की भी देशवासियों से अपील की।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…