36 लाख से ज्यादा राशनकार्डों का आधार गलत, एक मिनट में कईयों को थमा रहे राशन

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रायपुर |

राजधानी समेत प्रदेशभर में राशन कार्डधारियों के राशन में कुछ राशन दुकानों द्वारा डाका डाला जा रहा है। एपीएल कार्डधारियों के नाम पर फर्जी प्रविष्टि की जा रही है। आलम यह केंद्र सरकार की वन नेशन वन कार्ड की योजना के तहत सभी राशन कार्डधारियों के आधार को लिंक कराना था। लोगों ने आधार कार्ड दिए, लेकिन उनकी एंट्री गलत की गई है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इसका सत्यापना कराना शुरू कर दिया है। अभी 96 हजार राशनकार्ड के आधार कार्ड गलत हैं। ऐसे में दुकानदार गलत एंट्री करने में अधिक बच रहे हैं। एक मिनट में ही 20 से अधिक लोगों को राशन दिया गया है। इसकी जानकारी खाद्य विभाग की वेबसाइट पर राशन वितरण रिपोर्ट में मिली है।

शासकीय मूल्य के कुछ दुकानदारों का गिरोह

इस पूरे मामले में दुकानदानों के साथ-साथ कुछ जनप्रतिनिधि और खाद्य विभाग के अधिकारियों के मिलीभगत की आशंका है। नईदुनिया और प्रशासन तक पहुंची शिकायतों से पता चल रहा है कि किस तरह राशन दुकानदार करोड़ों रुपये का गोलमाल कर रहे हैं।

कुछ दुकानदानों के साथ इस तरह का सांठगांठ

पड़ताल में बात सामने आ रही है कि उचित मूल्य दुकानों द्वारा एपीएल चावल की फर्जी एंट्री कर चावल का रिकॉर्ड में विक्रय दर्शा दिया जाता है, लेकिन यह चावल नागरिक आपूर्ति निगम से मिलीभगत कर राइसमिलों के कस्टम मिलिंग राइस में लाट नंबर बदलकर पुन: जमा दर्शा दिया जा रहा है। यही कारण है कि मोहल्लों से चावल उठते हुए कम ही दिखता है और कागजों पर ही खेल हो जाता है। पिछले दिनों में खाद्य विभाग के अधिकारियों ने चावल जब्त किए थे लेकिन कार्डधारियों से पूछताछ नहीं किया गया था।

फोटो खींचकर कर रहे एंट्री, इसलिए बड़ा खेल

नियमानुसार राशन उठाने के लिए या तो अंगूठे का सत्यापन करके या फिर व्यक्ति की फोटो खींचकर राशन दिया जाता है। कोरोना काल में मार्च-अप्रैल में संक्रमण रोकने के लिए केवल फोटो खींचकर चावल दिया जा रहा था, लेकिन मई-जून में भी दुकानदानों ने अगूंठे से सत्यापन कम किया। बता दें कि जब एपीएल कार्डधारी को फोटो खींचकर चावल दिया जाता है तो उसे मैसेज भी नहीं जाता है, इसी का फायदा उठाकर चावल को गोलमोल कर रहे हैं। यह शिकायत अकेले रायपुर से नहीं ,बल्कि कोरबा, बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा आदि जिलों में आ रही है।

खुलेआम कर रहे कालाबाजारी

राजधानी के शिवाजी नगर स्थित जय छत्तीसगढ़ प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार के खिलाफ कलेक्टोरेट में शिकायत हुई है। यहां खुलेआम एपीएल कार्डधारियों की फर्जी प्रविष्ठि करके चावल की कालाबाजारी की शिकायत है। शिकायत है कि इस दुकान में 24 जून 2021 की स्थिति में कुल 311.75 क्विंटल का वितरण किया जा रहा है। जबकि इसमें स्कंध माइनस 228.95 क्विंटल है। यानी चावल मिला नहीं और वितरण कर दिया गया है। इसी तरह शहीद मनमोहन सिंह बख्शी वार्ड कोटा रायपुर के रहने वाले गणेश कुमार साहू ने बताया कि वे 26 अप्रैल को होम क्वारंटाइन में थे और राशन आहरित कर लिया गया है। खमतराई इलाके के एक खाद्य निरीक्षक के खिलाफ लोगों ने शिकायत की है। आरोप है कि इनकी मिलीभगत से फर्जी वितरण कराया जा रहा है।

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