प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर कुछ अहम फैसले लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के नेताओं की अहम बैठक दिल्ली में बुलाई है। जिसमें जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल हो रहे हैं। बैठक शुरु हो गई है और इससे संबंधित सभी अपडेट हम लगातार देते रहेंगे।
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला दिल्ली पहुंच गए। बैठक में जाने से पहले उन्होंने कहा कि उनकी अपनी मांगें हैं, जिसे वो पीएम मोदी के सामने रखेंगे।
बैठक में जिन नेताओं को बुलाया गया है, उनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा चार पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, मुजफ्फर हुसैन बेग, डा. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता भी शामिल हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना को भी बुलाया गया है। अन्य नेताओं में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी और पैंथर्स पार्टी के प्रो. भीम सिंह को आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री की बैठक से पहले स्थानीय नेताओं ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा से मुलाकात की। वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के निवास पर कांग्रेस व प्रदेश के अन्य नेताओं की मीटिंग हुई।
बहरहाल, नई दिल्ली में होने वाली इस सर्वदलीय बैठक का एजेंडा सार्वजनिक न किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि वार्ता का दायरा सीमित नहीं होगा। सभी अपने दिल की बात खुलकर कह सकेंगे ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और विकास के स्थायी वातावरण की बहाली का रोडमैप बन सके और राजनीतिक प्रक्रिया को गति दी जा सके। उल्लेखनीय है पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।