भोपाल : वित्त एवं वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिये बने रोडमैप की दिशा में आगे बढते हुए राजस्व बढ़ाने और संग्रहण में आत्म-निर्भरता के लिये कार्य-योजना बनेगी। देवड़ा ने कहा कि मंत्रियों द्वारा दिये गये सुझावों को मुख्यमंत्री के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत कर कार्य किया जायेगा। देवड़ा आज मंत्रालय में अंतर्विभागीय मंत्रियों के समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्द्धन सिंह दत्तीगाँव एवं नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया ने अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्य-योजनाओं पर समन्वित रूप से विचार-विमर्श किया। बैठक में मुख्य रूप से राजस्व का आधार, कर-दाताओं के सहयोग से अर्थ-व्यवस्था का विकास और सतत विकास के लिये वित्तीय संसाधनों के विस्तार की जरूरत पर बल दिया गया।
मंत्री समूह में वाणिज्यिक कर विभाग में डेटा का विश्लेषण करने और कर चोरी के मामलों की पहचान करने के लिये टेक्स रिसर्च एण्ड एनालिसिस विंग (टीआरएडब्ल्यू) को मजबूत करने पर चर्चा की। विलफुल डिफाल्टरों की पहचान करने के लिये विभिन्न विभागों के बीच करदाता, विक्रेता, कम्पनी से संबंधित डाटा साझा करने, ईमानदार कर-दाताओं को प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत करने, बकाया राशि के समाधान के लिये सरल समाधान योजना बनाये जाने पर चर्चा हुई।
आबकारी विभाग में सप्लाई चेन व्यवस्था का कम्प्यूटरीकरण और रिसाव प्लंगिंग, नई आसवनियों एवं बॉटलिंग इकाइयों की स्थापना कर निर्यात को बढ़ावा देने के सुझाव पर विमर्श हुआ।
नगरीय क्षेत्रों के लिये भू-प्रबंधन के लिये लैण्ड टाइटलिंग सिस्टम लागू करने, बड़े शहरों के स्थानीय निकायों को महानगरीय निकायों के रूप में विकसित करने और नगरीय क्षेत्र में भू-अभिलेखों का प्रबंधन महानगरीय निकायों को देने जैसे मुददों पर चर्चा हुई।
लघु वनोपज आधारित उद्योग को बढ़ावा
बैठक में इमारती लकड़ी के व्यावसायिक उपयोग से राजस्व वृद्धि के लिये कार्य-योजना का कुशल प्रबंधन, लघु वनोपज आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के सुझाव पर भी विचार-विमर्श हुआ।
शहरी विकास के लिये मध्यप्रदेश की रि-डेंसिफिकेशन नीति -2015 के तहत राज्य शासन की किसी भी एजेंसी द्वारा रि-डेंसिफिकेशन करने की संभावनाओं पर चर्चा की गई। शहरी क्षेत्रों में भूमि राजस्व/डायवर्सन टैक्स को शहरी स्थानीय निकायों द्वारा एकत्र करने के लिये अधिकार देने पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता देने और उपलब्ध मानव संसाधन का युक्ति-युक्तकरण पर भी चर्चा हुई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव परिवहन एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त अमित राठौर, प्रमुख सचिव नगरीय विकास मनीष सिंह, प्रमुख सचिव खनिज संसाधन सुखबीर सिंह एवं राजस्व सचिव ज्ञानेश्वर पाटिल उपस्थित थे।