भोपाल।
राजधानी के हमीदिया अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के 70 मरीजों के खून में पोसाकोनाजोल टेबलेट (300 एमजी) देरी से घुल रही है। मरीज दर्द से तड़प रहे हैं। बार-बार स्थिति बिगड़ रही है। इसके बावजूद चौथे दिन रविवार शाम तक लीपोसोमल एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन नहीं मिले हैं। इस बीच एक महिला मरीज की मौत हो चुकी है। महिला का ऑपरेशन 12 दिन पहले हुआ था। पूर्व में उसकी हालत में सुधार आ रहा था, लेकिन इंजेक्शन की कमी के चलते उसकी हालत बिगड़ गई थी और मौत हो गई। उधर, लिपिड कॉम्प्लेक्स एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन मरीज इस इंजेक्शन से परेशान हैं। इसे लगाते ही मरीज को घबराहट होने लगती है, सांस फूल जाती है, आक्सीजन का स्तर गिरने लगता है, कंपकंपी छूटने लगती है। इस वजह से मरीज और उनके परिजनों ने डॉक्टरों के सामने हाथ जोड़ दिए हैं। कुछ मरीजों ने तो कह दिया है कि जान चली जाए तो जाने दो, लेकिन कंपकंपी के लिए जिम्मेदार इंजेक्शन मत लगाओ।
बता दें कि हमीदिया अस्पताल में ब्लैक फंगस के 98 मरीज भर्ती हैं। इनके लिए रोजाना 350 से 400 वायल लीपोसोमल एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन की जरूरत है, जो बुधवार शाम को मिले थे, उसके बाद से नहीं मिले हैं। इनकी जगह मरीजों को लिपिड कॉम्प्लेक्स वाले एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन लगाए गए थे, जिससे रिएक्शन हो रहा है। मरीज परेशान हैं। कम डोज देने के बावजूद भी इनका रिएक्शन हो रहा है। मरीजों ने इस इंजेक्शन का डोज लेने से मना कर दिया है। हमीदिया में भर्ती 98 में से 70 मरीजों को इंजेक्शन की सख्त जरूरत है, जिन्हें पोसाकोनाजोल टेबलेट दी जा रही है जो देरी से काम कर रही है। इसे खून में घुलने में समय लग रहा है।
पांच नए मरीज मिले, सात की हालत गंभीर
हमीदिया अस्पताल में रविवार शाम तक बीते चौबीस घंटे में ब्लैक फंगस के पांच नए मरीज भर्ती हुए। एक की छुट्टी कर दी है। सात मरीजों की हालत गंभीर है। इन्हें तुरंत ऑपरेशन की जरूरत है लेकिन इंजेक्शन की कमी और ओटी खाली नहीं होने के कारण ऑपरेशन टाले जा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आज दो से तीन मरीजों के ऑपरेशन करने की योजना है।