नई दिल्ली । कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ असंतुष्ट धड़े की मुहिम को ठंडा करते हुए भाजपा नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि येदियुरप्पा ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। पार्टी ने येदियुरप्पा के खिलाफ मुहिम चला रहे असन्तुष्ट नेताओं को भी सख्त चेतावनी दी है और कहा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल भाजपा नेतृत्व कोरोना काल की परिस्थितियों में किसी भी राज्य में बड़ा बदलाव करने के पक्ष में नहीं है। कर्नाटक में येदियुरप्पा और उनके खिलाफ असंतोष कोई नई बात नहीं है। उनके पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री रहते हुए असंतोष उठता रहा था और एक बार तो ऐसा भी आया था जब उनको पद भी छोड़ना पड़ा था। उसके बाद से अक्सर वह पार्टी के भीतर ही वे अपने विरोधियों के निशाने पर रहे हैं। इस बार भी मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका विरोधी खेमा खासा सक्रिय रहा है। कांग्रेस और जद (एस) में तोड़-फोड़ के बाद जब येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद संभाला तब भी उनके खिलाफ अंदरूनी असंतोष कायम रहा। बीते 6 माह से उनका विरोधी धड़ा लगातार दिल्ली में आकर पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं से मिलकर येदियुरप्पा की शिकायतें भी करता रहा है। सूत्रों के अनुसार कर्नाटक से जुड़े एक प्रमुख केंद्रीय नेता को लेकर भी सवाल उठे हैं कि वह येदियुरप्पा के खिलाफ असंतोष को हवा दे रहे हैं। हालांकि केंद्रीय नेतृत्व ने विरोधियों को ज्यादा महत्व नहीं दिया है। बढ़ रहे असंतोष के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रभारी अरुण सिंह ने 16 से 18 जून तक कर्नाटक का दौरा किया था। उन्होंने प्रदेश कोर कमेटी के साथ तमाम मंत्रियों और विधायकों से भी मुलाकात की थी। इस दौरान असंतुष्ट खेमे ने अपनी शिकायतें भी उनके सामने रखी थी। कर्नाटक दौरे की समाप्ति पर राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने साफ कर दिया था कि येदियुरप्पा ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने असंतुष्ट खेमे को भी नसीहत दी कि अगर उनको कुछ करना ही है तो राज्य सरकार के कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों और केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों को लेकर अपनी बात रखें न कि पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को बाहर ले जाएं। अरुण सिंह ने यह भी कहा था कि कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। केंद्रीय नेतृत्व के इस स्पष्ट संदेश के बाद राज्य में राष्ट्रीय महासचिव विरोधी मुहिम फिलहाल ठंडी पड़ सकती है। हालांकि, राज्य के भाजपा के एक प्रमुख नेता ईश्वरप्पा कहते रहे हैं कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है।
विधायक निर्मला सप्रे को सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस, शीतकालीन सत्र में सदस्यता पर हो सकता है फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर भले ही अभी कोई फैसला ना हुआ हो, लेकिन कांग्रेस ने यह…