भोपाल । मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोविड-19 महा-टीकाकरण अभियान में प्रदेश के विभिन्न वैक्सीनेशन सेंटर्स से वैक्सीनेशन के बाद उत्पन्न होने वाले जीव-चिकित्सा अपशिष्ट (खाली बॉटल, सीरिंज) आदि के नियमानुसार संग्रहण और अपवहन संबंधी व्यवस्था की निगरानी और नियंत्रण के लिये कंट्रोल-रूम स्थापित किया गया है। संचालक, पर्यावरण पी.के. त्रिवेदी के मार्गदर्शन में यह कंट्रोल-रूम 21 से 30 जून तक कार्यरत रहेगा। सदस्य सचिव ए.के. मिश्रा ने सभी इंसिनेटर संचालकों को कलर कोड अनुसार श्रेणीवार संग्रहण, परिवहन और सुरक्षित अपवहन करने के निर्देश दिये हैं। बोर्ड द्वारा विशेष निगरानी अभियान के लिये सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं।
अभियान के तहत 21 से 23 जून तक कंट्रोल-रूम के माध्यम से संचालक व्ही.के. अहिरवार, वैज्ञानिक श्रीमती राजकुमारी सिंह और उपयंत्री सुश्री निकिता वरदे वैक्सीनेशन कचरा निष्पादन सुनिश्चित करेंगे। इसी तरह 24 से 26 जून तक संचालक एच.के. शर्मा, वैज्ञानिक पी.के. श्रीवास्तव, उपयंत्री विनय रमैया, 27 से 30 जून तक अधीक्षण यंत्री आलोक सिंघई, वैज्ञानिक हरीश वानखेड़े और कृषि सहायक नर्मदा प्रसाद त्रिपाठी वैज्ञानिक ढंग से नियमानुसार कचरा निष्पादन सुनिश्चित करेंगे।
कंट्रोल-रूम में प्रतिदिन प्रत्येक जिले के वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या तथा उनसे उत्पन्न अपशिष्ट की मात्रा, संग्रहण और अपवहन संबंधी जानकारी संग्रहित की जायेगी। अपशिष्ट का उसी दिन संग्रहण और अपवहन सुनिश्चित कराया जायेगा। इस संबंध में आने वाली कठिनाइयों के निराकरण के लिये कंट्रोल-रूम क्षेत्रीय कार्यालयों को मार्गदर्शन भी देगा। कंट्रोल-रूम प्रत्येक दिन की सम्पूर्ण जानकारी संलग्न प्रपत्र में भरकर उसी दिन डायरेक्टर, पर्यावरण पी.के. त्रिवेदी को उपलब्ध करवायेगा।
5 हजार करोड़ का फिर कर्ज लेगी मोहन यादव सरकार, 11 महीने में 40 हजार 500 करोड़ का लोन ले चुकी MP Government
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