भोपाल ।
कोरोना संकट से निपटने के लिए टीकाकरण और कोविड अनुकूल व्यवहार ही उपाय हैं। उपवास रखकर कोविड से बचने के लिए स्वास्थ्य आग्रह करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीकाकरण को लेकर मास्टर स्ट्रोक लगाया है। यह मास्टर स्ट्रोक समाज को यह संदेश देता है कि हम सब सरकार हैं और 21 जून से शुरू होने वाला टीकाकरण महाअभियान प्रदेश की सामूहिक जिम्मेदारी है। धर्मगुरुओं के साथ समाज के प्रमुख लोगों को प्रेरक बनाकर सरकार व्यवस्थापक की भूमिका में है। जनभागीदारी मॉडल से कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में सफल हुआ मध्य प्रदेश अब आपदा से निपटने में समाज की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में आगे बढ़ गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री ने टीकाकरण को लेकर समाज के हर वर्ग को अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करने का रोडमैप पेश किया। उन्होंने बिना हिचक समाज के सहयोग के महत्व को बार-बार रेखांकित किया। गणमान्य नागरिकों के साथ चर्चा में उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश में सबके सहयोग से टीकाकरण का ऐसा मॉडल खड़ा होगा, जो दूसरे राज्यों को प्रेरित करेगा।
मास्टर स्ट्रोक का चौका
1 : बुजुर्गों के लिए घर तक जाएगा टीका
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बुजुर्ग, जो केंद्र तक नहीं आ सकते हैं उन्हें घर पर टीका लगवाने की व्यवस्था करेंगे। एक भी डोज (टीका) बर्बाद न जाए, इसकी चिंता करना सबकी जिम्मेदारी है। टीकाकरण के साथ-साथ जांच का काम भी चलता रहेगा। प्रतिदिन 75 से 80 हजार जांच करेंगे ताकि संक्रमित का पता चल जाए और समय पर उपचार मिल जाए। किल कोरोना अभियान भी चलता रहेगा।
2 : टीकाकरण को लेकर होगी पंचायतों की रैंकिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण के लिए प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाया जाएगा। पंचायतों की स्वच्छता की तरह रैंकिंग की जाएगी। जहां टीकाकरण का काम सबसे पहले पूरा होगा, उसे पहला स्थान दिया जाएगा।
3 : टीकों की कमी नहीं
शिवराज सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश को 50 लाख टीके मिल रहे हैं। सभी जिलों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जितने व्यक्तियों को टीके लगने हैं, उतने मौजूद रहें। संभागायुक्तों से कहा गया है कि मेडिकल कॉलेजों में जो पद रिक्त हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए। तीसरी लहर की आशंकाओं से निपटने के लिए आश्वस्त किया गया कि सरकार की ओर से अस्पताल में बिस्तर, बच्चों के लिए वार्ड, ऑक्सीजन सहित अन्य व्यवस्थाएं कर रहे हैं।
4 : सरकार पीछे, समाज आगे
शिवराज ने टीकाकरण को लेकर जो रणनीति बनाई है, उसमें धर्मगुरुओं को प्रमुखता दी है ताकि लोगों का भ्रम दूर किया जा सके और टीकाकरण अभियान निर्धारित समय में पूरा हो जाए। प्रशासन को धर्मगुरुओं के सम्मान और उनके मार्गदर्शन व संदेशों को लेकर अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं। पूरे महाअभियान में समाज को आगे किया गया है, सरकार व्यवस्था जुटाने की जिम्मेदारी निभाने की भूमिका में है।