दिल्ली की एक अदालत ने अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू और अन्य के खिलाफ गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में दाखिल पूरक आरोप पत्र का शनिवार को संज्ञान लिया। मुख्य महानगर दंडाधिकारी गजेंद्र सिंह नागर ने 29 जून को सभी आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए तलब किया है। मनिंदर सिंह और खेमप्रीत सिंह के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया गया है, जो अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। इन दोनों को छोड़कर बाकी सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि अदालत उन धाराओं को छोड़कर जिनके लिए अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है, भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं से संबंधित आरोपपत्र पर संज्ञान ले रही है। महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत अभी भी संबंधित अधिकारियों से मंजूरी का इंतजार है। केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई थी जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये थे। पुलिस ने 17 जून को एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।
जांच अधिकारी ने अंतिम रिपोर्ट में उन गवाहों के नाम बताए जो गंभीर रूप से घायल हुए थे या जिनसे हथियार छीने गए थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को जांच का काम सौंपा गया था। अपराध शाखा ने सिद्धू और 15 अन्य के खिलाफ हिंसा के लगभग चार महीने बाद 17 मई को 3,224 पृष्ठ का पहला आरोप पत्र दाखिल किया था।
सिद्धू पर हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया गया था। सिद्धू को नौ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उस पर लाल किले में अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया था। वह दंगा, हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश, डकैती, गैर इरादतन हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की कई अन्य धाराओं के आरोपों का सामना कर रहा है। वह दो महीने से अधिक समय तक जेल में रहा और 17 अप्रैल को जमानत पर रिहा हुआ था।