जबलपुर ।
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में रिमांड में लिए गए चारों आरोपितों ने एसआइटी के सामने राज खोलने शुरू कर दिए हैै। हालांकि अभी एसआइटी के पास कई अनसुलझे सवाल ऐसे है, जिनका जबाव मिलना शेष हैै। जिसके बारे में पूछताछ की जा रही है।
एसआइटी प्रभारी एएसपी रोहित काश्वानी ने बताया कि आरोपित मोरबी गुजरात निवासी पुनीत शाह, कौशल वोरा ने पूछताछ में बताया कि वह सूरत में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री चलाते थे। वह इंजेक्शन अपने परिचितों के माध्यम से बेचा करते थे। इसके बाद पुनीत इंदौर आया और उसका परिचय रीवा निवासी सुनील मिश्रा और अधारताल निवासी भगवती फार्मा संचालक सपन जैन से हुआ। सुनील और सपन को नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन की फैक्ट्री के बारे में बताया और सप्लाई करने के लिए कहा। जिसके बाद सपन ने दाम तय किए और उसे सिटी हास्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को सप्लाई करना शुरू कर दिया। आरोपितों से पूछताछ में और भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
जुटाई जा रही और जानकारी: आरोपितों से पूछताछ में पता किया जा रहा है कि उनको इंजेक्शन कितने का प़डता था और उसे कैसे तैयार किया जाता था। इसके अलावा वह बाजार में उसे किस दाम में बेचते थे। साथ ही जबलपुर के अलावा और कितने शहरों के अस्पतालों में इस इंजेक्शन की सप्लाई की गई है। उल्लेखनीय है कि गुजरात से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का कारोबार करने के मामले में एसआइटी ने आरोपित पुनीत शाह, कौशल, सुनील मिश्रा और सपन जैन को गुजरात से लाकर गुरुवार को उनकी पांच दिन की रिमांड मांगी थी। जिसके बाद कोर्ट ने चार दिन की रिमांड दी थी। आरोपितों से कई सवालों के जवाब के लिए पूछताछ की जा रही है।