गुजरात में आज से लागू होगा लव जिहाद कानून, दोषी पाए जाने पर होगी 10 साल तक की जेल

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यूपी, मध्य प्रदेश के बाद अब गुजरात में भी मजहब छिपाकर शादी करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य में आज से लव जिहाद कानून लागू हो जाएगा, जिसके बाद जबरन धर्म परिवर्तन करने और धोखाधड़ी कर शादी करने वाले पर कानूनी कार्रवाई होगी। विजय रूपाणी सरकार की ओर से तैयार किए गए इस कानून को राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपनी मंजूरी दे दी थी।

यह है सजा का प्रावधान
कानून के तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा
आरोपी पर लगाया जा सकता है जुर्माना
संगीन आरोपों पर सजा और जुर्माना दोनों
कानून के तहत धर्म छिपाकर शादी करने वालों के खिलाफ पांच साल की सजा
अगर यही अपराध नाबालिग के साथ किया गया तो 7 साल की सजा

‘लव जिहाद’ की घटनाओं को रोकना इस कानून का मकसद
इन कानून का मकसद गुजरात में ‘लव जिहाद’ की घटनाओं पर रोक लगाना है। रूपाणी सरकार द्वारा जारी किए गए विधेयक में यह भी प्रस्‍ताव रखा गया था कि अगर कोई व्‍यक्ति फिर से अपने या अपने पूर्वजों के धर्म में लौटता है तो उस पर यह ऐक्‍ट लागू नहीं होगा। इस विधेयक में नया सेक्‍शन 3ए जोड़ने का प्रस्‍ताव रखा गया था। इसके तहत धर्मांतरित व्‍यक्ति के माता-पिता, भाई, बहन या उसके रक्‍त संबंधियों, शादी या गोद लेने के जरिए बने रिश्‍तेदारों को इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा।

गुजरात विधानसभा में कानून को लेकर हुआ था हंगामा
गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीप जाडेजा ने कहा था कि जो लोग माथे पर तिलक लगाकर और हाथ में धागा बांधकर हिंदू या दूसरे धर्म की लड़की के साथ छल कपट करते हैं. उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। गुजरात विधानसभा में इस कानून को लेकर बहुत हंगामा हुआ था। कांग्रेस ने इस कानून को सांप्रदायिक बताकर इसका कड़ा विरोध किया था। वहीं बीजेपी ने इस कानून को बेटियों के हक में बताकर इसकी हिमायत की थी

बाकी राज्यों में ये है सजा का प्रावधान
संशोधित प्रावधानों के तहत किसी व्‍यक्ति के जबरन धर्म परिवर्तन में दोषी पाए जाने पर न्‍यूनतम 3 से 5 साल तक की सजा की व्‍यवस्‍था है। अगर महिला, नाबालिग या एससी/एसटी का धर्म परिवर्तन हुआ हो तो दोषी को 4 से 7 साल तक की सजा दी जाएगी। यूपी में न्‍यूनतम सजा 1 से 5 साल है, उसी तरह अगर महिला, नाबालिग या एससी/एसटी का धर्म परिवर्तन हुआ हो तो दोषी को 2 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। एमपी में भी न्‍यूनतम सजा 1 से 5 साल है।

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