लखनऊ| विधानसभा चुनाव अगले साल है लेकिन पिछले करीब 15 दिनों से उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी हर रोज सुर्खियों में रहती है. पहले पंचायत चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन, कोविड की दूसरी लहर में उठ रही अंसतोष की आवाजों के बीच बीएल संतोष के यूपी दौरे ने अटकलों का बाजार गरम कर दिया. अब 10 जून को अचानक से सीएम योगी के दिल्ली जाने की खबर आई. यहां उन्होंने गृहमंत्री से मुलाकात की.
करीब 90 मिनट की मुलाकात के बाद राज्य में बीजेपी के सहयोगी दलों के नेताओं ने भी अमित शाह से अलग-अलग मुलाकात की.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, निषाद समुदाय से आने वरिष्ठ नेता डॉ संजय कुमार निषाद और संत कबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद ने भी गृहमंत्री से बातचीत की.अब सूत्रों के मुताबिक, ये पूरी चर्चा यूपी की राजनीति के ईर्द-गिर्द ही रही, चुनाव की तैयारियों और यूपी के संभावित कैबिनेट विस्तार को लेकर इन नेताओं से गृहमंत्री ने चर्चा की.
बैठकों का दौर यहीं थमने नहीं जा रहा. 11 जून की सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं, दोपहर में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिलने की संभावना है. अब राज्य में पिछले कई दिन से जो राज्य सरकार और संगठन में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थी आदित्यनाथ के इस दौरे ने उन्हें और हवा दी है. न्यूज एजेंसी ने पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र के हवाले से बताया है कि बैठक में संभावित कैबिनेट विस्तार या फेरबदल पर भी चर्चा होने की संभावना है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए राज्य भाजपा इकाई में बदलाव भी एजेंडे का हिस्सा है.
बीएल संतोष के दौरे के बाद सीएम योगी आए हैं दिल्ली
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा के लिए लखनऊ का दौरा किया.संतोष ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों से फीडबैक ली, जिससे पार्टी के उत्तर प्रदेश में संभावित बदलाव की अटकलों को हवा मिली थी. न्यूज एजेंसी के सूत्रों ने दावा किया कि केंद्रीय नेतृत्व द्वारा एकत्र किए गए फीडबैक के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ पार्टी की राज्य इकाई में भी फेरबदल करने का फैसला किया गया है.
सहयोगी पार्टियों को साधने की कवायद!
गृहमंत्री का 10 जून को अनुप्रिया पटेल, संजय कुमार निषाद और प्रवीण निषाद से मिलना सहयोगी पार्टियों को साधने की कवायद के तौर भी देखा जा सकता है. अगले ही साल चुनाव हैं और सहयोगी पार्टियों में अगर नाराजगी है तो उन्हें दूर किया जा सके, ये भी कोशिस रह सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के तौर पर पार्टी के सदस्यों को जिताने की रणनीति पर भी बातचीत हुई है. अनुप्रिया पटेल की बात करें तो वो पहली नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री थीं, लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल में पद पाने में विफल रहीं. वो मोदी कैबिनेट में अपने लिए मंत्री पद और राज्य कैबिनेट में भी एक पद की बात रख सकती हैं. IANS के सूत्र बताते हैं कि वो पांच जिलों – मिजार्पुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, बांदा और फरुर्खाबाद के जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों की भी मांग कर रही हैं.