पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आज कोलकाता में संयुक्त विपक्ष की रैली का आयोजन कर रही है। इस रैली में 20 से ज्यादा विपक्षी दलों के नेता जुटे है। रैली के संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि, वे लोग कहेंगे कि हम लोग यहां इकट्ठे हुए एक आदमी को हटाने के लिए, लेकिन हम यहां इकट्ठे हुए एक सोच, एक विचारधारा के विरोध में। पिछले 56 महीनों में देश में जो कुछ भी हुआ वह देश की लोकशाही के लिए खतरा है। ऐसी कोई संवैधानिक संस्था नहीं है जिसे इन्होंने बर्बाद करने की कोशिश नहीं की हो।
सिन्हा ने कहा कि, हमारे लिए मोदी मुद्दा नहीं है, हमारे लिए देश के लोगों के मुद्दे ही मुद्दा हैं। मोदी को मुद्दा न बनाएं, मुद्दों को मुद्दा बनाएं। यह पहली सरकार है जो आंकड़ों में छेड़छाड़ करती है। हमारे समय में भी कभी अच्छे आंकडे तो कभी बुरे। हमने उन्हें स्वीकारा, लेकिन यह सरकार आंकड़ों को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है। उन्होंने कहा कि, आज ऐसा माहौल है कि जैसे ही आप सरकार का विरोध करते हैं आपको देशद्रोही करार दे दिया जाता है। ऐसा लगता है जैसे सरकार की चापलूसी देशप्रेम है और सरकार का विरोध देशद्रोह।
सिन्हा ने कहा कि, कश्मीर की समस्या का समाधान गोली से नहीं बोली से होगा। मुझे पाकिस्तान का एजेंट भी कहा गया. लेकिन क्या प्यार की बात करना देशद्रोह है। मंच पर मौजूद बैठे सभी ताकतवर नेताओं से आग्रह करता हूं कि मैं तो फकीरी की ओर हूं, मुझे कुछ नहीं चाहिए। बस मेरा एक ही लक्ष्य है कि इस सरकार को बाहर करें। इसके लिए जरूरी है कि सभी तय करें बीजेपी के प्रत्याशी के सामने हमारा एक ही उम्मीदवार खड़ा हो। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी का सफाया निश्चित है।
सिन्हा ने कहा कि, इसके लिए आवश्यक है कि मंच पर उपस्थित नेता तय करें कि भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ हर सीट पर सिर्फ एक उम्मीदवार खड़ा होगा। आने वाले दिनों में हम एकजूट होकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। मोदी सरकार ने सबका साथ तो लिया लेकिन विकास के नाम पर सबका विनाश किया।
वहीं इस रैली को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि, इस सरकार ने रक्षा के क्षेत्र में जैसा घोटाला किया है वैसा आजतक किसी सरकार में नहीं हुआ। मोदी को भी इस बात का एहसास हो चुका है कि उनकी जड़ें हिल चुकी हैं, इसलिए अब वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। गुजरात में विपक्ष एक होकर लड़ता तो बीजेपी सत्ता में नहीं आती। विपक्ष एकजूट होकर ही मोदी को हटा सकता है।सत्ता से मोदी को हटाने के लिए विपक्ष को एकजूट होकर अर्जुन बनना पड़ेगा। इस सरकार ने हर संस्था को बर्बाद करने की जिद पकड़ रखी है। मोदी शाह से लोगों को विश्वास उठ गया है। मोदी समझ गए हैं कि सत्ता से उनकी पकड़ हिल गई है।