बिहार में कोरोना महामारी की वजह से टल गये पंचायत चुनाव को फिर से कराने की तैयारी शुरु हो गई है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग अगले दो से तीन महीनों में एक बार फिर से पंचायत चुनावों की घोषणा कर सकता है।। खास बात ये है कि इस बार पंचायत चुनाव भी बैलेट पेपर से नहीं, बल्कि ईवीएम से कराये जाएंगे। आयोग ने इसके लिए दूसरे राज्यों से इवीएम मंगाने की प्रक्रिया शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग, सितंबर में पंचायत चुनाव के शेड्यूल का ऐलान कर सकता है।
चुनाव तक क्या होगी व्यवस्था?
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत की संस्थाओं और ग्राम कचहरियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है। कोरोना की वजह से चुना संभव नहीं था. इसलिए कई दलों ने इन प्रतिनिधियों के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने कार्यकाल नहीं बढ़ाकर परामर्शी समिति गठित करने का निर्णय लिया। यानी राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरियां 15 जून के बाद भंग हो जाएगी और उनकी जगह परामर्शी समिति काम प्रारंभ कर देगी। सूत्रों के मुताबिक मुखिया ग्राम पंचायत परामर्शी समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और सरपंच भी अपने-अपने परामर्शी समिति के अध्यक्ष हो सकते हैं। इसके लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
चुनाव के लिए कितनी तैयारी?
चुनाव आयोग को पंचायत आम चुनाव में छह पदों के लिए अधिक संख्या में इवीएम की जरुरत पड़ेगी। इसमें मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के लिए अलग-अलग इवीएम की बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट की आवश्यकता होगी। त्रिस्तरीय पंचायत के छह पदों के चुनाव कराने के लिए राज्य में करीब एक लाख 20 हजार बूथ स्थापित किये गये हैं। ऐसे में हर बूथ पर EVM के छह बैलेट यूनिट और छह कंट्रोल यूनिट लगाने होंगे।
इसे देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने दूसरे राज्यों से ईवीएम मंगाने की शुरुआत कर दी है। पंचायत आम चुनाव में जिलों द्वारा ईवीएम खुद ही दूसरे राज्यों से मंगाया जाता है। ऐसे में जिलों को दूसरे राज्यों से टैग कर दिया जायेगा तो वह जिला खुद अपनी जरुरत के मुताबिक ईवीएम मंगा लेगा। माना जा रहा है कि आयोग दिसंबर के पहले बिहार में त्रि-स्तरीय पंचायत आम चुनाव संपन्न करा लेगा।