नई दिल्ली ।
18 से 44 की उम्र वालों के टीकाकरण की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़े जाने के बाद फैली अव्यवस्था और राजनीतिक बयानबाजी के बाद केंद्र ने ही वैक्सीनेशन की पूरी जिम्मेदारी उठा ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि 18 से ऊपर आयु वर्ग के सभी लोगों के लिए अब केंद्र ही वैक्सीन खरीदेगा और मुफ्त में राज्यों को देगा। 21 जून यानी योग दिवस से 18 पार के सभी लोगों का केंद्र की ओर से मुफ्त टीकाकरण होने लगेगा। पीएम ने परोक्ष तौर पर विपक्ष को सख्त संदेश देते हुए कहा कि वैक्सीन पर भ्रम न फैलाएं और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ न करें।
पीएम मोदी ने दिया विपक्ष को संदेश, वैक्सीन पर भ्रम न फैलाएं
पहली मई से 18 से 44 की उम्र के लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया है। इनके टीकाकरण की जिम्मेदारी राज्यों को दी गई थी। इसके बाद से ही इस पर बेजा राजनीति होने लगी थी। देश के नाम संबोधन में पीएम ने किसी भी दल या राज्य का नाम लिए बगैर अहसास करा दिया कि बेवजह राजनीति की जा रही थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन शुरू किया था, लेकिन बार-बार कई राज्यों ने कहा कि उन्हें स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार ही सब कुछ क्यों तय करे। कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि प्राथमिकता क्यों तय हो। फिर राज्यों ने वैक्सीन को विकेंद्रीकृत करने की मांग की, तब केंद्र ने 25 फीसद वैक्सीन की जिम्मेदारी राज्यों पर छोड़ दी थी। बाद में उन्हें अहसास हुआ कि वैक्सीन पाना कितना कठिन है।
लिहाजा केंद्र ने तय किया है कि दो सप्ताह के बाद से सभी के लिए केंद्र सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। इस दो सप्ताह में केंद्र और राज्य मिलकर इसका पूरा खाका तय करेंगे।’ ध्यान देने की बात है कि कई राज्यों ने मई की शुरुआत में ही मांग शुरू कर दी थी कि वैक्सीन केंद्र ही खरीदे और उन्हें मुफ्त दे, हालांकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है।नई व्यवस्था में भी लोगों को निजी अस्पतालों में टीका लगवाने का विकल्प मिलेगा। हालांकि सरकार सुनिश्चित करेगी कि कीमतों को लेकर मनमानी न हो।
निजी अस्पताल टीके की तय कीमत से अधिकतम डेढ़ सौ रुपया अतिरिक्त वसूल सकेंगे। इसकी निगरानी की जिम्मेदारी राज्यों की होगी। प्राइवेट सेक्टर को मिलने वाली वैक्सीन सिर्फ बड़े शहरों के बड़े अस्पतालों तक सीमित न रहे, केंद्र सरकार इसका पूरा ख्याल रखेगी। राज्य अपने यहां के छोटे-छोटे निजी अस्पतालों की क्षमता के अनुसार उनके लिए वैक्सीन की जरूरत बताएंगे। उसके बाद केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से बात कर उनके लिए वैक्सीन उपलब्धता सुनिश्चित कराएगी।
निजी अस्पताल में दूसरों के लिए भी खरीद सकेंगे टीका
सरकार निजी अस्पतालों में वैक्सीन लेने वालों का दायरा बढ़ाने के लिए भी अहम कदम उठाने जा रही है। वैक्सीन के लिए विशेष नॉन ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिबेंचर का प्रविधान किया जाएगा। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के लिए वैक्सीन खरीद सकेगा। क्यूआर कोड आधारित इस डिबेंचर के माध्यम से निजी अस्पताल में टीके का भुगतान हो जाएगा।
गरीबों को दीपावली तक मुफ्त राशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली तक गरीबों को मुफ्त राशन देने की भी घोषणा की है। पिछले साल कोरोना काल में घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आगे बढ़ाते हुए इस साल मई और जून में मुफ्त राशन देने का एलान किया गया था। अब इस योजना को नवंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
जानें टीके की खरीद का क्या है गणित
- अभी देश में बनी वैक्सीन का 50 फीसद केंद्र, 25 फीसद राज्य और बाकी 25 फीसद निजी अस्पताल खरीद रहे हैं।
- नई व्यवस्था में राज्यों के हिस्से का 25 फीसद भी केंद्र खरीदेगा और उन्हें मुफ्त देगा।
- राज्यों को दो हफ्ते पहले बता दिया जाएगा कि उन्हें कब और कितनी वैक्सीन मिलेगी।
कोरोना काल में आठ बार पीएम का राष्ट्र के नाम संदेश
पहला: 19 मार्च, 2020- 29 मिनट का भाषण, जनता कर्फ्यू की अपील
दूसरा: 24 मार्च, 2020- 29 मिनट का भाषण, 21 दिन के लाकडाउन का एलान
तीसरा: 03 अप्रैल, 2020 – 12 मिनट का वीडियो संदेश, नौ मिनट लाइटें बंद करने की अपील
चौथा: 14 अप्रैल, 2020 – 25 मिनट का भाषण, देश में तीन मई तक लाकडाउन बढ़ाया
पांचवां: 12 मई, 2020 – 33 मिनट का भाषण, आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज
छठा: 30 जून, 2020- 17 मिनट का भाषण, अन्न योजना नवंबर, 2020 तक बढ़ाने की घोषणा
सातवां: 20 अक्टूबर, 2020- बिहार में वोटिंग से आठ दिन पहले अपील की- ‘जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’
आठवां: 20 अप्रैल, 2021 – 19 मिनट का भाषण, राज्यों से कहा कि दूसरी लहर में देश को लाकडाउन से बचाना है। सरकारें इसे आखिरी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करें।