एक करोड़ से अधिक की चपत लगाने वाले चिटफंड कंपनी के चेयरमैन व दो डायरेक्टर पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार

अपराध छत्तीसगढ़ बिलासपुर

अंबिकापुर।

स्वास्थ्य संबंधित प्रोडक्ट बेचने के आड़ में बैंकिंग का कारोबार कर सरगुजा जिले में एक करोड़ से अधिक की चपत लगाने वाले चिटफंड कंपनी के चेयरमैन व दो डायरेक्टर को पुलिस ने वेस्ट बंगाल के ग्राम चकदा से गिरफ्तार किया है।

पुलिस के आने की भनक लगने पर चिटफंड कंपनी के एमडी व डायरेक्टर पत्नी फरार होने में सफल हो गए। पुलिस गिरफ्त में आए कंपनी के एक डायरेक्टर ने चिटफंड का कारोबार करते सूरजपुर जिले के मसगा, प्रतापपुर में ढाई एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसे कुर्क करने की कार्रवाई के लिए पुलिस जमीन संबंधित दस्तावेज कब्जे में लेगी। आरोपितों की संपत्ति का ब्यौरा लेने कोतवाली पुलिस पुनः कोलकाता जाएगी।

जानकारी के मुताबिक कोलकाता से वर्ष 2010 में पंजीकृत एमआइ हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड का जाल वर्ष 2011 से 2014 के बीच वेस्ट बंगाल, चकदा व आसपास रहने वाले कंपनी के चेयरमैन सलिल राम चौधरी, डायरेक्टर अनिल कुमार पोद्दार, जहांगीर मनीता के अलावा एमडी निमाई विश्वास व उसकी पत्नी कंपनी की डायरेक्टर अर्चना विश्वास ने फैलाया था।

अंबिकापुर के नमनाकला में कार्यालय खोल इन्होंने शहर के अलावा गांव के लोगों को झांसे में लेना शुरू किया और हेल्थ प्रोडक्ट बेचने के बजाय बैंकिंग का कारोबार करने लगे। इनके द्वारा दोगुना रकम प्राप्ति का झांसा देकर एक करोड़ रुपये से अधिक तीन वर्षों में बटोरा गया। बैंक की तर्ज पर लेनदेन चलने से किसी को संदेह नहीं हुआ और कई लोगों ने यहां अपनी जमा पूंजी कम समय में अच्छा लाभांश पाने के चक्कर में जमा कर दी।

कंपनी के कर्ताधर्ता एजेंटों को अच्छी आय का प्रलोभन देते गए, जिससे उन्होंने कमाई के चक्कर में स्वयं व अपने रिश्तेदारों की पूंजी भी निवेश कर दी थी। एक करोड़ से अधिक बटोरने के बाद आरोपित गायब हो गए। पुलिस ने वर्ष 2016 में कंपनी के चेयरमैन, एमडी, डायरेक्टरों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया था और आरोपितों का सुराग लगा रही थी। हाल में सरगुजा रेंज के आइजी आरपी साय, पुलिस अधीक्षक टीआर कोसिमा व अतिरिक पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने चिटफंड कंपनी की पेंडिंग फाइल के निपटारे और आरोपितों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया था।

इसके परिपालन में नगर पुलिस अधीक्षक एसएस पैकरा के मार्गदर्शन में कोतवाली थाने के एसआइ अब्दुल मुनाफ, प्रधान आरक्षक जगनन्दन सिंह, आरक्षक अमरेश दास, सपन मंडल, आलोक गुप्ता के साथ कोलकाता रवाना हुए और चार जून की रात कंपनी के चेयरमैन सलिल राम चौधरी, डायरेक्टर अनिल कुमार पोद्दार, जहांगीर मनीता को हिरासत में लेकर नजदीकी थाने में इसकी सूचना दी।

अंबिकापुर पुलिस के वेस्ट बंगाल पहुंचने की खबर पर कंपनी का एमडी निमाई विश्वास अपनी डायरेक्टर पत्नी अर्चना विश्वास के साथ फरार हो गया। आरोपितों को छह जून की सुबह कोतवाली पुलिस अंबिकापुर लेकर पहुंची और एजेंट व रिपोर्टकर्ता को थाने बुलाकर इनकी पहचान कराई गई। आरोपितों की पहचान के बाद पुलिस ने इनके विरुद्ध अपराध दर्ज कर न्यायिक रिमांड में पेश किया है।

आरोपितों का है संयुक्त खाता

पुलिस जांच में सामने आया कि कंपनी के चेयरमैन, एमडी व डायरेक्टरों का कोलकाता के एचडीएफसी बैंक में संयुक्त खाता है। पुलिस ने इनके खाते से किसी प्रकार का लेनदेन न होने पाए, इसलिए होल्ड कराया है। हालांकि संयुक्त खाता होने के कारण पांचों के हस्ताक्षर बिना किसी प्रकार का लेनदेन होना असंभव है। इनके खाते में कितनी राशि है, यह अभी स्पष्ट नहीं है।

दस लाख में खरीदा जमीन

कोतवाली पुलिस ने बताया कि एमआइ हेल्थ केयर प्रोडक्ट लिमिटेड के एक डायरेक्टर अनिल कुमार पोद्दार ने सरगुजा संभाग के प्रतापपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम मसगा में दो एकड़ 65 डिसमिल जमीन क्रय किया है। इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस उक्त भूमि की रजिस्ट्री संबंधित दस्तावेज न्यायालय से अनुमति लेकर प्रतापपुर तहसील से प्राप्त करेगी और संपत्ति को ज़ब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

आरोपित के द्वारा उक्त भूमि दस लाख रुपये में क्रय किया जाना बताया जा रहा है, जिसकी वर्तमान में कीमत लगभग 25 लाख रुपये है।आरोपितों के कोलकाता में स्थित संपत्ति का ब्यौरा भी पुलिस हासिल कर जब्ती की कार्रवाई करेगी, ताकि कंपनी में रकम निवेश किए लोगों की जमा पूंजी वापस हो सके।

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