कांग्रेस के नेतृत्व में ‘राष्ट्रीय गठबंधन’ की सरकार बनेगी, प्रदेश में हम जीतेंगे 22 सीटें: कमलनाथ

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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद देश में कांग्रेस के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय गठबंधन बनेगा और उसकी ही सरकार बनेगी। मौजूदा लोकसभा चुनाव ‘मोदी वर्सेस पूरा देश’ हो गया है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस की सीटों में कम से कम तीन गुना इजाफा होगा। हमारे सहयोगी दलों का प्रदर्शन भी ठीक रहेगा। भाजपा की सीट 282 से घटकर 150 के आसपास रहने की संभावना है। लोकसभा इस चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस को 29 में से लगभग 22 सीटों पर विजय हासिल होगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को बहुमत मिलने की पूरी उम्मीद है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो भी हम चर्चा के जरिए निचोड़ निकालेंगे। सभी गैर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पार्टियों (नॉन एनडीए) का लक्ष्य एक है और वह भाजपा को सत्ता से दूर रखना है। उनका दावा है कि एनडीए में भी कई लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं चाहते हैं। लक्ष्य यदि एक ही हो तो गठबंधन आसान हो जाता है।


लक्ष्य एक:  कमलनाथ ने कहा कि सभी दलों का लक्ष्य भाजपा को सत्ता से दूर रखना है और चुनाव के बाद हम सब आपस में चर्चा करके राष्ट्रीय गठबंधन बनाकर सरकार बनाएंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या मायावती, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जैसे नेताओं के साथ सभी एकजुट रह पाएंगे, कमलनाथ ने दोहराया कि जब सबका लक्ष्य एक हो तो चीजें आसान हो जाती हैं।

जनता का विश्वास बढ़ा: उन्होंने कहा कि नवंबर दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की जनता ने कांग्रेस के प्रति विश्वास जताते हुए उसे सत्ता सौंपी थी। राज्य की कांग्रेस सरकार ने 75 दिनों में अपने वचनों पर अमल शुरू किया, जिससे जनता में पार्टी के विश्वास और बढ़ा है। इन वजहों से वे कह सकते हैं कि राज्य में कांग्रेस 22 सीटों पर विजय हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के कर्जमाफी पर सबसे ज्यादा जोर दिया। 21 लाख किसानों के ऋण माफ कर दिए और शेष किसानों के ऋण भी माफ किए जाएंगे। 75 दिनों में हमने अपनी नीयत और नीति का परिचय दिया।

भाजपा झूठ फैला रही: उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा झूठ की एक लहर बनाना चाह रही है, लेकिन हम सफल नहीं होने देंगे। किसानों के ऋणमाफी मामले में भी उसने ऐसा किया, लेकिन अब तो साफ हो गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री के परिजनों के भी ऋण माफ हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के परिजनों और परिचितों के नाम यदि कर्जमाफी की सूची में शामिल हैं, तो यह कोई गलत नहीं है। ये सच्चायी है। लेकिन जब वो कहते हैं कि किसी का ऋण माफ नहीं हुआ, तो हम कहते हैं कि आप अपना घर और गांव ही देख लो।

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