नई दिल्ली |
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने बुधवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। न्यायमूर्ति मिश्रा आयोग के आठवें अध्यक्ष बने हैं।
पिछले साल एक कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए मोदी को एक ”अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दूरदर्शी” और ”बहुमुखी प्रतिभा” वाला व्यक्ति बताया था। न्यायमूर्ति मिश्रा ने 150 से अधिक अप्रचलित कानूनों को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की प्रशंसा करते हुए कहा था कि मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय का जिम्मेदार सदस्य है।
न्यायमूर्ति मिश्रा 2019 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम में संशोधन के बाद से इसके अध्यक्ष पद पर नियुक्त होने वाले पहले गैर पूर्व प्रधान न्यायाधीश हैं। दिसंबर 2020 में पूर्व प्रधान न्यायाधीश एच. एल. दत्तू का कार्यकाल पूरा होने के बाद से एनएचआरसी प्रमुख का पद रिक्त था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने आज से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद संभाल लिया है। दो और सदस्य भी शामिल हुए हैं।”
अधिकारी ने कहा कि खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक राजीव जैन और जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम एम कुमार को आयोग का सदस्य बनाया गया है। न्यायमूर्ति मिश्रा सात जुलाई 2014 को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बने थे तथा सितंबर 2020 में सेवानिवृत्त हुए थे। न्यायमूर्ति दत्तू ने दो दिसंबर 2015 को प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 29 फरवरी 2016 को एनएचआरसी प्रमुख का कार्यभार संभाला था।