पटना ।
राजद सप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चढ़ावा लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने नालंदा के हिलसा के चकवाजितपुर उप स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीर साझा कर स्वास्थ्य व्यवस्था पर चोट की। लिखा : ‘नीतीश ने अपने गृह जिला नालंदा में भी हमारे द्वारा बनाया गया स्वास्थ्य केंद्र (Health center) बंद करा दिया, लेकिन गुलाबी फाइलों (Pink files) में यह चालू है। ऐसे हजारों स्वास्थ्य केंद्रों की बलि ले ली गई है, क्योंकि इनके फाइलों में कार्यरत रहने से प्रसाद रूपी चढ़ावा प्राप्त होता रहता है। उन्होंने यह तस्वीर राजद नालंदा के ट्वीटर पेज से साझा की थी, जिसमें उप स्वास्थ्य केंद्र झाडिय़ों के बीच जीर्ण-शीर्ण व्यवस्था में दिख रहा है।
उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। नालंदा के उप स्वास्थ्य केंद्र पर उनसे सवाल किया है कि क्या 15 साल से यहां आदमी नहीं रह रहे थे ? उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता नहीं थी ? ये कैसा सुशासन है जिसें सरकार 15 साल तक सोई रहती है।
बता दें कि चारा घोटाला मामले में रांची हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से लालू यादव बिहार की राजनीति में ट्विटर के माध्यम से लगातार सक्रिय हैं। कोविड काल में बिहार के गांवों के उप स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली पर सरकार को घेर रहे हैं।
राजद ने सरकार को दी चेतावनी
उधर, प्रदेश मे बढ़ते ब्लैक फंगस के मामलों के बीच दवाइयों की जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगाने, सरकारी अस्पतालों में समुचित मात्रा में दवा उपलब्ध कराने व बदहाल स्वास्थ्य को सुचारु करने की मांग को लेकर राजद ने सरकार को चेतावनी दी है। सुधार नहीं होने पर पार्टी आंदोलन करेगी।
राजद के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि ब्लैक फंगस को लेकर बिहार सरकार की तैयारी अधूरी है। अगर एक सप्ताह के अंदर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारु नहीं किया गया तो राजद चरणबद्ध आंदोलन करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मेडिकल कालेजों तथा प्रमुख अस्पतालों में ब्लैक फंगस की दवा खत्म है। पटना एम्स में ब्लैक फंगस के 80 तथा आइजीआइएमएस में 98 मरीजों के भर्ती होने के बावजूद दवा नहीं है। नए मरीजों के लिए भी इंजेक्शन उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण है। तमाम दावों के बावजूद ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज को इंजेक्शन, दवा उपलब्ध कराने में सिस्टम का दम फूल गया है।
डाक्टरों का कहना है कि म्यूकर माइकोसिस से पीडि़त मरीजों को एंफोटेरेसिन-बी या एम्फो बी इंजेक्शन आठ सप्ताह तक हर दिन देना होता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि बिहार में दवा उपलब्ध नहीं है। दवा के बगैर समुचित उपचार संभव ही नहीं है। राजद प्रवक्ता ने दवाइयों की जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री से की है।