भोपाल।
निजी स्कूलों पर फीस नियंत्रण करने के लिए फीस अधिनियम कानून बनाया गया है। इस कानून में है कि निजी स्कूल हर साल 10 फीसद से अधिक फीस वृद्धि नहीं करेंगे। अगर 10 फीसद से अधिक फीस बढ़ाएंगे तो फीस नियामक समिति से अनुमति लेनी होगी और स्कूल का खर्च बताना होगा। लेकिन राजधानी के ज्यादातर स्कूल संचालकों ने 30 से 40 फीसद तक फीस बढ़ा दी है। इसमें जवाहरलाल नेहरू स्कूल, सागर पब्लिक स्कूल, डीपीएस ने तो 40 फीसद से अधिक फीस वृद्धि कर दी है। इस बार शिक्षण शुल्क के साथ अन्य शुल्क भी अभिभावकों से लिया जा रहा है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी के पास 10 से अधिक स्कूलों की शिकायत पहुंची है। जिला शिक्षा अधिकारी ने संकुल प्राचार्यों को निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
अन्य गतिविधियों की फीस भी ले रहे
कोरोना काल में निजी स्कूल शिक्षण शुल्क के साथ अन्य गतिविधियों की फीस भी ले रहे हैं। निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि शिक्षण शुल्क लेने का आदेश पिछले साल के लिए था। इस कारण निजी स्कूल खेल, कंप्यूटर, लैब, एनुअल व लेट फीस के साथ परीक्षा शुल्क आदि भी मांग रहे हैं।
राजधानी में सीबीएसई स्कूलों की संख्या-100
स्कूल — पहले — अब लग रही फीस — इतनी वृद्धि
जवाहरलाल नेहरू स्कूल — 3400 — 5056 (पांचवीं) — 1656
डीपीएस — 7300 — 8333 (छठवीं) — 1033
कॉमर्ल कॉन्वेंट — 3300 — 3630 (केजी) — 360
सेंट पॉल हासे. — 2280 — 3780 (पहली) — 1500
सागर पब्लिक स्कूल — 3355 — 4720 (तीसरी) — 1365
बाल भवन स्कूल — 3300 — 3300 (नौवीं) — 300
विंध्याचल एकेडमी — 2500 — 3380 (ग्यारहवीं) — 880
सेंट जेवियर — 2145 — 3250 (दसवीं) — 1105
मानसरोवर स्कूल — 1135 — 1354 (पांचवीं) — 220