कोरोना इलाज में रेमडेसिविर बेहद अहम मानी जा रही है। ऐसे में इस दवा को लेकर मारामारी मची हुई है। कोविड मरीज को बचाने के लिए परिजन ब्लैक में तक इसे खरीद रहे हैं। अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्यों को किया जाने वाला आवंटन खत्म कर दिया है। अब प्रदेश सरकार और अस्पताल सीधे कंपनियों से रेमडेसिविर खरीद सकेंगे। वहीं सेंट्रल गवर्नमेंट ने 50 लाख वायल का स्टाक बनाने का निर्णय भी लिया है।
रेमडेसिविर का उत्पादन 10 गुना बढ़ा
उर्वरक व रसायन मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने में देश में रेमडेसिविर का उत्पादन लगभग 10 गुना तक बढ़ा है। एक समय केवल 20 इकाइयों में रेमडेसिविर का उत्पादन हो रहा था और अब 60 इकाइयां इसका उत्पादन कर रही हैं। उन्होंने बताया, ‘पिछले डेढ़ महीने में जहां रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ है, वहीं मई के पहले हफ्ते के बाद कोरोना के नए मामलों में भी लगातार कमी आ रही है।’
रेमडेसिविर की मांग में आई कमी
पिछले तीन हफ्ते पहले जहां कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या 37 लाख से अधिक से थी। वह अब 22 लाख तक पहुंच गई है। जाहिर है सक्रिय मरीजों की संख्या कम होने के कारण रेमडेसिविर की मांग में भी कमी आई है। मांग की तुलना में उत्पादन बढ़ जाने के कारण केंद्र सरकार ने आवंटन की प्रक्रिया को स्थगित करने का फैसला किया है।
वायल स्टाक तैयार होने पर निर्यात की अनुमति
अप्रैल माह में रेमडेसिविर की भारी कमी को देखते हुए मोदी सरकार ने सभी राज्यों को कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या और जरूरत के मुताबिक कोटा तय कर दिया था। इसी हिसाब से दवा की सप्लाई की जा रही थी। इसके साथ ही सरकार ने रेमडेसिविर के निर्यात पर भी रोक लगा रखी है। माना जा रहा है कि वायल का स्टाक तैयार होने के बाद इसके निर्यात की अनुमति दी जाएगी।