कोवैक्सीन टीके की तीसरी बूस्टर डोज का ट्रायल सोमवार को दिल्ली के एम्स में शुरू हो गया। ट्रायल में यह बूस्टर डोज दूसरी डोज लेने के छह माह के अंतराल पर लगेगी। इसलिए कोवैक्सीन के दूसरे फेज के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले लोगों पर ही यह ट्रायल होगा। इस ट्रायल में यदि यह बात सामने आती है कि बूस्टर डोज देने से बेहतर बचाव हो सकता है तो आने वाले समय में टीकाकरण अभियान में बूस्टर डोज लगाने का प्रविधान किया जा सकता है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा यह कोवैक्सीन टीका पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है। भारत बायोटेक ने तीसरी डोज के ट्रायल के लिए देश के औषधि महानियंत्रक से स्वीकृति मांगी थी। देश के औषधि महानियंत्रक के विशेषज्ञों की कमेटी से स्वीकृति मिलने के बाद यह ट्रायल शुरू किया गया है। अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार कोवैक्सीन के दूसरे फेज का 380 लोगों पर ट्रायल हुआ था। इसमें 177 लोगों को मौजूदा समय में इस्तेमाल होने वाले कोवैक्सीन टीके की डोज दी गई थी। दूसरे फेज के ट्रायल में दिल्ली एम्स सहित देशभर के 12 अस्पताल शामिल थे।
भारत की प्राण शक्ति बहुत से लोगों को दिखाई नहीं देती: आरएसएस प्रमुख
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी…