देश में कोरोना की दूसरी लहर लगभग जा चुकी है। अब संक्रमण केस में लगातार गिरावट हो रही है। ऐसे में राज्य सरकार अब कोरोना कर्फ्यू हटाने पर विचार कर रही है। कई प्रदेशों में 1 जून के बाद जनता को राहत मिलने लगेगी। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पांबदियां हटाने पर सावधानी बरतने को कहा है। उन्होंने कहा कि पॉजिटिविटी रेट के दायरे में आने पर इसे देखना हो कि केस फिर से बढ़ने ना लगे।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जहां संक्रमण दर 10 फीसद से नीचे है या कम हो रहे हैं। वहीं पर लॉकडाउन हटना चाहिए। ऐसे जिलों की संख्या में वृद्धि हुई है।’ उन्होंने बताया कि नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और बिहार में संक्रमण दर पांच फीसद से कम या उसके आसपास आ गया है। प्रदेशों में पॉजिटिविटी की दर और नए मामलों की संख्या मार्च के अंतिम हफ्ते के स्तर पर थी, जब लॉकडाउन नहीं था। राज्यों ने लॉकडाउन का फैसला 15 अप्रैल के आसपास लिया था। जब कई जगहों पर संक्रमण दर 36-37 फीसद तक पहुंच चुकी थी।
अधिकारी ने कहा कि उन राज्यों को ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है जहां पॉजिटिविटी दर कम होने के बावजूद सक्रिय मामलों की संख्या बहुत ज्यादा है। लॉकडाउन हटाने का फैसला प्रदेश सरकारों को अपने मेडिकल ढांचे, संक्रमण दर और एक्टिव मामलों के आधार पर करना होगा। बता दें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थानीय स्तर पर लऑकडाउन के लिए संक्रमण दर के 10 फीसद से अधिक होने और ऑक्सीजन व आइसीयू बेड्स 60 फीसद भर जाने का मानदंड रखा है।