कोलकाता।
नारद स्टिंग मामले में गिरफ्तार बंगाल के हेवीवेट मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल विधायक मदन और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को फिलहाल जेल हिरासत में ही रहना पड़ेगा।बुधवार को इन नेताओं को हाई कोर्ट से जमानत नहीं मिल सकी। इन नेताओं की ओर से दायर जमानत याचिका पर आज करीब ढाई घंटे तक वर्चुअल सुनवाई हुई लेकिन हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली।
कल यानी गुरुवार को भी इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश विंदल ने कहा कि इस मामले की कल दोपहर दो बजे फिर सुनवाई होगी। हाई कोर्ट ने सोमवार को इन नेताओं की जमानत पर लगाए गए स्थगनादेश को फिलहाल अगले आदेश तक बरकरार रखने का निर्देश दिया है।बता दें कि सीबीआइ ने इन नेताओं को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया था। सीबीआइ अदालत ने उसी दिन शाम में इन सभी को जमानत दे दी थी, लेकिन देर रात में कलकत्ता हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाते हुए 19 मई तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया था। इसके बाद सोमवार-मंगलवार की आधी रात में इन सभी नेताओं को प्रेसिडेंसी जेल भेज दिया गया था। हालांकि इनमें से मंत्री सुब्रत मुखर्जी, शोभन चटर्जी और मदन मित्रा अस्वस्थ होने के बाद अस्पताल में भर्ती हो गए थे, जबकि मंत्री फिरहाद हकीम प्रेसिडेंसी जेल में हैं।
कोरोना महामारी में हिरासत में रखने का किया विरोध
इधर, बुधवार को सुनवाई के दौरान इन नेताओं की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि अभी कोरोना महामारी जैसे संकट के समय में हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है। हालांकि सीबीआइ के वकील ने जमानत का विरोध किया। सीबीआइ की ओर से दलील दी गई कि ये सभी नेता बहुत प्रभावशाली हैं। बाहर आने से ये मामले को प्रभावित कर सकते हैं। सीबीआइ ने इन नेताओं की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जांच एजेंसी के कार्यालय में घंटों धरना देने और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बाहर घेराव करने एवं केंद्रीय बलों पर पथराव करने का मुद्दा भी उठाया।