इटावा(भरथना): सिर से माता-पिता का साया उठ जाने के बाद दिव्यांग नर्स विनीता ने बड़ी तीनों बहनों की शादी कर मां की भूमिका निभाई। वह भरथना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन लगा रही हैं। कस्बा के मोहल्ला ब्रजराज नगर निवासी विनीता बताती हैं कि वह जब तीन वर्ष की थीं तब मां राधा देवी का देहांत हो गया था। चार बहनों सबसे छोटी होने के कारण घर की सारी जिम्मेदारी थी। पिता ने पढ़ा लिखा कर अपने पैरों पर खड़ा कर दिया। वर्ष 2013 में भरथना ब्लाक के ग्राम पंचायत उमरसेंडा में एएनएम के पद पर तैनात हुईं और अपने मुंह बोले भाई के साथ ड्यूटी से लौटते समय भोली चौराहे पर एक मार्ग दुर्घटना में अपने दोनों पैर गवां बैठी। उस दुर्घटना में मुंह बोले भाई की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। विनीता दोनों पैरों में प्लेटें पड़ने के बाद शारीरिक कष्ट से उबर भी नहीं पायी थीं कि वर्ष 2016 में पिता की अचानक बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। घर की एकमात्र कमाने वाली सदस्य होने के नाते विनीता ने शादी नहीं की है। उन्होंने अपनी तीनों बड़ी बहनों किरन, अनीता, सुनीता की शादियों में सहयोग किया। उनके सहयोग को देखते हुए अन्य स्वजन-रिश्तेदारों ने भी मदद की। दिव्यांग होने के कारण ड्यूटी पर आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन दिनों उनकी ड्यूटी सीएचसी पर कोरोना वैक्सीन लगाने में रहती है। वह आने वाले लोगों को कोविड गाइड लाइन का पालन करने के लिए जागरूक करती हैं।
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