कोरोना संक्रमण के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है। वहीं अमेरिका में अब 12+ का टीकाकरण शुरू होने जा रहा है। अमेरिका में खाद्य और दवा प्रशासन (FDA) ने 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए भी फाइजर (Pfizer) की कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। बता दें, अमेरिका में फाइजर कंपनी का टीका 16 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए पहले ही मंजूर किया जा चुका है। हालांकि अमेरिका से अभी यह आंकड़ा सामने नहीं आया कि 18+ से कम उम्र के कितने लोगों को टीका लगाया जा चुका है। अमेरिका उन देशों में शामिल है जहां कोरोना के खिलाफ टीकाकरण सबसे पहले शुरू किया गया था।
वैक्सीन की पहली डोज से 80 फीसदी कम हो जाता है मौत का खतरा
इस बीच, लंदन से आई रिपोर्ट टीकाकरण के प्रति लोगों को भ्रम दूर करने के लिए काफी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से जुड़े एक डाटा में सामने आया है कि इसकी एक डोज संक्रमण के कारण जान जाने के खतरे को 80 फीसद तक कम कर देती है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने यह जानकारी दी है। यह भी बताया गया है कि फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन की पहली डोज भी संक्रमण के कारण मौत के खतरे को 80 फीसद कम करती है। दूसरी डोज के बाद यह खतरा 97 फीसद तक कम हो जाता है।
पीएचई ने बताया कि अध्ययन के दौरान टीकाकरण करा चुके लोगों के डाटा का विश्लेषण किया गया। इसमें ऐसे लोगों का डाटा भी जांचा गया, जिन्हें वैक्सीनेशन के बाद पॉजिटिव पाया गया था और 28 दिन के भीतर उनकी जान चली गई। इस डाटा से स्पष्ट है कि टीकाकरण इस महामारी से जंग में कितना अहम है। भारत में एस्ट्रजेनेका द्वारा विकसित टीके को कोविशील्ड के नाम से पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है।