कोलकाता। बंगाल की हाई-प्रोफाइल नंदीग्राम विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को पराजित करने वाले सुवेंदु अधिकारी को भाजपा ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना है। बंगाल में पहली बार भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा है।
गौर करने वाली बात यह है कि विधानसभा में सुवेंदु अधिकारी उसी दल की खिलाफत करेंगे, जिसका एक समय वे अहम हिस्सा हुआ करते थे। सुवेंदु बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। बतौर विधायक उनके अनुभव को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। इस दौड़ में भाजपा नेता मुकुल राय भी शामिल थे लेकिन चूंकि विधायक के तौर पर वे पहली बार चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए हैं इसलिए पार्टी ने सुवेंदु को यह जिम्मेदारी सौंपी।
विपक्ष का नेता चुने जाने के बाद सुवेंदु ने कहा कि वे बंगाल में लोकतंत्र की बहाली के लिए काम करेंगे। चुनाव बाद हो रही हिंसा के कारण भाजपा कार्यकर्ताओं को बंगाल से दूसरे राज्यों में भागना पड़ रहा है। इससे खराब कोई और स्थिति नहीं हो सकती। वे बंगाल को हिंसा-मुक्त व शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में काम करेंगे।सुवेंदु ने आगे कहा कि इस विधानसभा चुनाव में तीन चीजें पहली बार हुई हैं। पहली, चुनाव हारने के बावजूद कोई मुख्यमंत्री बनी हैं। आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। दूसरी, बंगाल में कांग्रेस और वाममोर्चा को पहली बार एक भी सीट नहीं मिली है और तीसरी बात यह है कि भाजपा को पहली बार सूबे में 77 सीटें मिली हैं।