नई दिल्ली: देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से ही जूझ रहा है लेकिन तीसरी लहर आने की भी भविष्यवाणी हो गई है. कोरोना की तीसरी लहर का आना तय माना जा रहा है. ये दावा केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने किया है. उनका कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी और इसे रोक नहीं सकते. यहां जानिए वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन के दावे की 10 बड़ी बातें.
- विजय राघवन ने आगाह किया है कि क्योंकि सार्स-सीओवी2 और उत्परिवर्तित हो रहा है इसलिए नयी लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए. देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तीव्रता का पूर्वानुमान नहीं जताया गया था.
- देश के शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा कि कम ऐहतियाती उपाय, पहली लहर से आबादी में कम प्रतिरक्षा के चलते दूसरी लहर अधिक तीव्र हो रही है और इससे अभी तक देशभर में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है और लाखों लोग संक्रमित हुए हैं.
- प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के मुताबिक जब वैक्सिनेशन बढ़ेगी तो वायरस लोगों को संक्रमित करने के नए तरीके ढूंढेगा, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा. वायरस अपना रूप बदलता रहता है. इसलिए हमें वैक्सीन और दूसरे पहलुओं पर रणनीति बदलती रहनी होगी.
- दूसरी लहर में कई फैक्टर हैं जिसमें कोरोना के नए वेरिएंट भी एक फैक्टर है. दूसरी लहर इसलिए बढ़ी क्योंकि जो इम्युनिटी बनी थी वो इतनी नहीं थी की संक्रमण को रोक सके.
- कोरोना की पहली लहर दो वजह से कम हुई थी, जिन लोगों को इंफेक्शन हुआ उनमें इम्युनिटी आई और मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित बचाव के जो भी कदम उठाए गए उससे संक्रमण फैलना कम हुआ. लेकिन बचाव के कदमों में ढिलाई बरती तो संक्रमण फैलना फिर शुरू हुआ.
- वैज्ञानिक का कहना है कि कई लोग नई प्रतिरक्षा सीमा तक पहुंचने से पहले ही संक्रमित हो जाते हैं. ऐसी दूसरी लहर आम तौर पर पहले की तुलना में छोटी होती है. ऐसी ही दूसरी लहर की उम्मीद थी. हालांकि, कई कारक दूसरी लहर में बदलाव करके उसे पहली की तुलना में बहुत बड़ी बना सकते हैं.
- सार्स-सीओवी2 के बदलाव और इसकी बढ़ती क्षमता पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वायरस 2019 में वुहान में उभरा और वह उस समय सामान्य था जो कई स्तनपायी प्रजातियों को संक्रमित कर सकता था.
- उन्होंने कहा, 2021 की शुरुआत में पूरी दुनिया में बहुत बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए. प्रतिरक्षा बढ़ने के साथ, वायरस को बढ़ने का अवसर नहीं मिला. हालांकि उसे कुछ ऐसे विशेष क्षेत्र मिलते हैं जहां यह फैल सकता है, इसलिए यह बेहतर तरीके से फैलने के लिए बदलाव करता है.
- उन्होंने कहा कि दूरी बनाए रखने से प्रसार पर लगाम लगायी जा सकती है. उन्होंने कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करने पर जोर देते हुए कहा, ‘यह वायरस मनुष्य से मनुष्य में ही फैल सकता है.’
- नीति अयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) ने वी के पॉल ने कहा, बदलते वायरस के प्रति प्रतिक्रिया वही है. हमें कोविड उचित व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता है जैसे कि मास्क लगाने, एक दूसरे से दूरी बनाये रखने, स्वच्छता बनाए रखने, कोई अनावश्यक मुलाकात नहीं करना और घर पर रहना. बीमारी जानवरों से नहीं फैल रही है, यह मानव से मानव संचरण है.