जबलपुर कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या और ऑक्सीजन की बढ़ती डिमांड के बीच शुक्रवार को ऑक्सीजन एक्सप्रेस राहत लेकर आएगी। भेड़ाघाट में दो टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन उतरेगा। सागर के लिए दो टैंकर कटनी में उतारा जाएगा।
प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने लिए राज्य सरकार बोकारो स्टील प्लांट से ऑक्सीजन के टैंकर मंगवा रही है। ऑक्सीजन संकट के बीच में रेलवे ने लोगों को राहत पहुंचाने की कमान संभाली है। बोकारो से ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक विश्वरंजन ने बताया कि लगभग 20 घंटे में ट्रेन से ये दूरी तय होगी।
47 किमी से अधिक रफ्तार से आ चल रही ट्रेन
रेलवे अधिकारी विश्वरंजन के मुताबिक ये ट्रेन 47 किमी से अधिक रफ्तार से 29 अप्रैल को बोकारो से रवाना हुई है। आज 30 अप्रैल की शाम तक यह जबलपुर के भेड़ाघाट में पहुंचेगी। राष्ट्रीय हेल्थ मिशन मध्यप्रदेश की डायरेक्टर छवि भारद्वाज द्वारा रेलवे को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी गई है। रेलवे अधिकारी विश्वरंजन ने बताया कि इस ऑक्सीजन एक्सप्रेस के कटनी पहुंचने पर दो टैंकर सागर के मकरोनिया स्टेशन भेजे जाएंगे। जबकि शेष दो टैंकर ऑक्सीजन, शाम तक जबलपुर पहुंचेगी। इसे भेड़ाघाट स्टेशन ले जाकर विशेष रैंप से उतारकर जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस को चलाने में रखनी पड़ती है सावधानी
मंडल वाणिज्य प्रबंधक देवेश सोनी के मुताबिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के ओवर डायमेंशन कंसाइनमेंट होने के कारण इस कंटेनर के क्रायोजेनिक लोड होने की वजह से रेलवे द्वारा गति एवं एक्सीलरेशन का विशेष ध्यान दिया जाता है। इसे विशेष स्पीड पर ग्रीन कॉरिडोर के तहत तीव्र गति से जबलपुर लाया जायेगा। पिछले दिनों बोकारो से जबलपुर आने में ऑक्सीजन एक्सप्रेस को लगभग 20 घंटे का समय लगा था।