दमोह कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने के लिए पुलिस और प्रशासन सख्ती बरत रहा है। बुधवार रात दमोह जिले के पथरिया में संजय चौराहे पर तहसीलदार आलोक जौन, एसआई आलोक त्रिपुढे टीम के साथ बगैर मास्क और बगैर किसी कारण सड़कों पर घूमने वालों से पूछताछ कर रहे थे। इसी दौरान ज्योतिष पीठ काशी के कनिष्ठ शंकराचार्य आत्मानंद सरस्वती की गाड़ी चौराहे पर पहुंची। शंकराचार्य मास्क नहीं लगाए थे। यह देख अफसरों ने गाड़ी रोकी और उन्हें मास्क लगाने का बोला।
अधिकारियों की बात सुन कनिष्ठ शंकराचार्य झल्ला उठे। उन्होंने कहा न मेरा चालान होगा और न मैं मास्क लगाऊंगा। आप मुझे गिरफ्तार करिए। वह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा पिछले वर्ष कोरोना की लड़ाई में मैंने आर्थिक सहायता की थी। साथ ही गरीबों की मदद की थी। मैं मास्क लगा लूंगा मुझे घबराहट होगी या बीमार पड़ जाऊंगा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। शंकराचार्य की बात सुन अधिकारियों ने उन्हें समझाइश दी। लंबी बहस के बाद कनिष्ठ शंकराचार्य ने चालान कटवाया। इसके बाद वह मौके से रवाना हुए।
पथरिया के एसआई आलोक त्रिपुढे ने बताया चेकिंग के दौरान कनिष्ठ शंकराचार्य की गाड़ी रोकी थी। उन्होंने मास्क नहीं लगाया था तो समझाइश दी थी। मास्क नहीं लगाने का उनका अपना तर्क था। लेकिन समझाइश के बाद उन्होंने चालान कटवाया और मास्क लगाकर रवाना हो गए।