जबलपुर; कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश में अत्याधुनिक एप युक्त कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई की मांग उठाई गई है। मप्र स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष ने सीजे को पत्र लिखकर हाईकोर्ट सहित जिला व तहसील न्यायालयों में ये व्यवस्था लागू करने की मांग की है।
मप्र स्टेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर विजय चौधरी ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक को पत्र लिखकर एप युक्त वर्चुअल सुनवाई की मांग की, जिससे अधिवक्ता अपने घर से ही कोर्ट रूप से देख सकें।
अध्यक्ष विजय चौधरी ने पत्र में कहा है, वर्तमान में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अधिवक्ता और जस्टिस संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में हाईकोर्ट की मुख्यपीठ, ग्वालियर और इंदौर पीठ सहित सभी जिला व तहसील न्यायालयों में अत्याधुनिक एप युक्त वर्चुअल सुनवाई का विकल्प अपनाया जाना चाहिए। ऐसा करके ही कोरोना संक्रमण से वकीलों को बचाया जा सकता है।
ज्यादा से ज्यादा वर्चुअल सुनवाई की मांग
मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता ने बताया, अध्यक्ष डॉक्टर विजय चौधरी ने चीफ जस्टिस को पत्र में लिखा है कि एमपी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में न्यायालय में वर्चुअल सुनवाई ज्यादा से ज्यादा करने की जरूरत है। इसके लिए अत्याधुनिक एप्स वेबेक्स सिस्को, जुमैक व जिटसी के माध्यम को अपनाया जा सकता है। इसमें अधिवक्ता फिजिकल सुनवाई की तरह ही अपनी वर्चुअल सुनवाई में भी क्रमानुसार अपने पूर्व के प्रकरणों की सुनवाई देख सकते हैं और अपनी बारी आने पर अपने प्रकरण की सुनवाई भी कर सकते हैं।
दिल्ली सहित कई हाईकोर्ट में एप आधारित वर्चुअल सुनवाई
इन एप्लीकेशन के प्रयोग से किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या भी नहीं आती है। और सुनवाई भी आसानी से हो जाती है। इस तरह की प्रक्रिया दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक और पटना हाईकोर्ट के द्वारा निरंतर अपनाई जा रही है। इस प्रक्रिया को ग्रहण करने पर न्यायालय में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है।
परिषद के अन्य पदाधिकारियों ने किया समर्थन
मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष आरके सैनी, कोषाध्यक्ष रश्मि ऋतु जैन, बीसीआई प्रतिनिधि प्रताप मेहता, कार्यकारिणी अध्यक्ष मृगेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष अहादुल्ला उस्मानी, को-चेयरमैन प्रेम सिंह भदौरिया, मनीष तिवारी, जय हार्डिया, राजेश व्यास, अखंड प्रताप सिंह, शैलेंद्र वर्मा, रामेश्वर नीखरा, नरेंद्र कुमार जैन, जय प्रकाश मिश्रा ने भी एप आधारित वर्चुअल सुनवाई का समर्थन किया है।