- अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने चीन के महत्वाकांक्षी BRI प्रॉजेक्ट पर जताई चिंता
- पेंटागन ने चीन की तुलना एनाकोंडा से करते हुए कहा है कि वह BRI के जरिए देशों को जाल में फंसा रहा है
- पेंटागन ने अमेरिकी संसद से कहा कि BRI के जरिए चीन पनी वैश्विक निर्णायक नौसेना बनाने की कोशिश में है
- दरअसल चीन BRI के जरिए तमाम देशों को कर्ज के चक्रव्यूह में फंसा रहा है, जिससे निकलना मुश्किल है
पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस से कहा कि चीन अरबों डॉलर की अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट ऐंड रोड पहल (BRI) के जरिए अपनी वैश्विक निर्णायक नौसेना बनाने की कोशिश कर रहा है। उसने चेतावनी दी कि पेइचिंग के ‘प्रतिकूल समझौते’ किसी देश की संप्रभुत्ता को उस तरह अपनी लपेट में ले रहे हैं, जैसे कि एनाकोंडा अपने शिकार को घेरकर खाता है। गौरतलब है कि चीन बेल्ट ऐंड रोड इनिशटिव (बीआरआई) के जरिए विभिन्न देशों को ढांचागत परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर का कर्ज दे रहा है। बताया जा रहा है कि चीन इन देशों को कर्ज के चक्रव्यूह में फंसा रहा है, जिससे बाहर निकलना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा।
चीफ ऑफ नेवल ऑपरेशंस जॉन रिचर्डसन ने गुरुवार को कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सदन की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया, ‘चीन की बेल्ट ऐंड रोड पहल उसकी राष्ट्रीय शक्ति के कूटनीतिक, आर्थिक, सैन्य और सामाजिक तत्वों का मिश्रण है। यह वैश्विक रूप से निर्णायक नौसेना बनाने की उसकी कोशिश है।’
रिचर्डसन ने कहा, ‘चीन के काम का उद्देश्य देशों की वित्तीय कमजोरी का फायदा उठाना है। वे वाणिज्यिक बदंरगाह बनाने का अनुबंध कर रहे हैं, घरेलू सुविधाओं को उन्नत करने का वादा कर रहे हैं और राष्ट्रीय ढांचागत परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं।’
चीन की 60 अरब डॉलर की चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) योजना से भारत-चीन संबंधों में गतिरोध आ गया है। भारत ने CPEC के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने पर आपत्ति जताई और उसने पिछले साल चीन द्वारा आयोजित हाई प्रोफाइल बेल्ट ऐंड रोड फोरम का बहिष्कार कर दिया था।