भोपाल कोरोना की दूसरी लहर में दिन पर दिन जानलेवा होती जा रही है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 104 मरीजों की मौत हुई हैं। अप्रैल के 23 दिनों में 1,027 लोग कोरोना की जंग हार चुके हैं। इनमें 729 मौतें तो पिछले 10 दिन में ही रिकॉर्ड की गईं। पहली लहर की पीक में हुई मौतों से यह संख्या लगभग दोगुनी है। वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस कोरोना संक्रमित हो गए हैं। अब वे होम आइसोलेशन रह कर इलाज करा रहे हैं।
सितंबर में कोरोना से 663 लोगों की जान गई थी। यह सरकारी आंकड़ा है, लेकिन श्मशान में कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किए जाने वाले शवों की संख्या कई गुना ज्यादा है। इधर, बेकाबू होते कोरोना को रोकने के लिए अशोकनगर और बैतूल में 3 मई की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। ये निर्णय शनिवार को हुई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में लिया गया। दोनों जगह पहले 26 अप्रैल तक लॉकडाउन था। वहीं, अनूपपुर में पहले से ही 3 मई तक लॉकडाउन है।
ऑक्सीजन की कमी मौत की बड़ी वजह
कोरोना मरीजों की मौत की बड़ी वजह ऑक्सीजन कमी बनी। जबलपुर, भोपाल, शहडोल, ग्वालियर में ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं होने से आधा सैकड़ा मौतें हुईं। सरकार का दावा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने शुक्रवार को कहा था कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है।
बड़े शहरों में भी ऑक्सीजन के लिए हाहाकार
भोपाल, इंदौर जैसे बड़े शहरों के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार है। मरीज के परिजन अपने स्तर पर ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि प्रदेश में मांग के अनुरूप आपूर्ति हो रही है। 7 दिन से रोजाना 70 से 75 लोगों की मौत हो रही है, लेकिन शुक्रवार को आंकड़ा 100 के पार हो गया।
12,919 नए संक्रमित मिले
प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 12,919 नए संक्रमित मिले, जबकि स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 11,091 रही। इसके साथ ही कुल संक्रमितों का आंकड़ा 4 लाख 85 हजार 703 और स्वस्थ्य होने वालों का आंकड़ा 3 लाख 91 हजार 299 हो गया है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 23% बनी हुई है।