कोरोना वायरस के खिलाफ देश में टीकाकरण तेजी से चल रहा है। अब तक 10 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं। परंतु महामारी के फैलने की रफ्तार को देखते हुए टीकाकरण को और तेज करने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 11-14 अप्रैल के बीच “टीका उत्सव” मनाने की अपील की है। कोरोना रोधी टीका इसकी गारंटी तो नहीं देता कि इसको लगवाने के बाद आप संक्रमित नहीं होंगे, लेकिन 99.9 फीसद यह आश्वस्ति अवश्य है कि संक्रमित होने के बाद भी आपकी जिंदगी को खतरा नहीं होगा। यह काम महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती के दिन शुरू हो रहा है।
पीएम की अपील का हुआ है असर
“टीका उत्सव” के सफल होने की पूरी उम्मीद है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में देखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब-जब भी देशवासियों से कुछ अपेक्षा की है, देश के लोगों ने उम्मीद से ज्यादा योगदान किया है। बात चाहे एक दिन के जनता कर्फ्यू की हो, ताली या थाली बजाने की हो या फिर सख्त लॉकडाउन की। इन प्रयासों से कोरोना संक्रमण के प्रसार की गति को रोकने में बहुत हद तक कामयाबी मिली थी। अब कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। टीका उत्सव का मकसद इसे रोकना है, लेकिन महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्य टीके की कमी की बात कह रहे हैं। टीका उत्सव को सफल बनाने के लिए ये राज्य और टीके की मांग कर रहे हैं। वैसे तो यह उत्सव चार दिनों का है, लेकिन आप इसे महामारी के खत्म नहीं होने तक का उत्सव बना सकते हैं। इसके लिए बस आपको इतना करना है कि खुद तो टीका लगवाएं ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। यह तब तक करते रहें जब तक देश को महामारी से मुक्त न करा लें।