छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के तररेम थाना इलाके में शनिवार दोपहर नक्सलियों से मुठभेड़ में फोर्स के पांच सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने व करीब 10 के घायल होने की खबर है। यह वारदात जिला मुख्यालय से करीब 75 किमी दूर सिलगेर गांव के पास जोन्नगुड़ा के जंगल में हुई है। मौके पर अब भी दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। घटनास्थल से दो नक्सलियों का शव बरामद किए जाने की भी सूचना है। मौके से घायल जवानों को निकालने के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों और नौ एंबुलेंस को रवाना किया गया है। आईजी बस्तर सुंदरराज पी भी बीजापुर पहुंच गए हैं। सुकमा और बीजापुर से बैकअप फोर्स भी रवाना की गई है।
छत्तीसगढ़ के सुकमा व बीजापुर जिले के सीमावर्ती जंगलों में नक्सलियों की बटालियन नंबर एक पिछले काफी दिनों से सक्रिय है। इसके कमांडर दुर्दांत नक्सली हिड़मा के इस इलाके में होने की सूचना मिलने पर शुक्रवार को बीजापुर और सकुमा से डीआरजी, कोबरा और एसटीएफ के 400 जवानों को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया था। इसी दौरान घात लगाकर नक्सलियों ने एंबुश लगाया और फोर्स की एक टुकड़ी को घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। साथियों को गिरता देखकर भी जवानों ने हौसला दिखाया और तुरंत पोजिशन ली। समाचार लिखे जाने तक जवान पूरी बहादुरी से डटे हुए हैं।
इससे पहले 23 मार्च को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने गश्त से लौट रहे डीआरजी (District Reserve Guard) जवानों की बस को आइइडी ब्लास्ट से उड़ा दिया। बस में 25 जवान सवार थे। इस हमले में ड्राइवर समेत पांच जवान शहीद हो गए, जबकि सात जवान घायल हैं।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों की मुठभेड़
– 6 अप्रैल 2010 में ताड़मेटला हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की शहादत ।
– 25 मई 2013 झीरम घाटी हमले में 30 से अधिक कांग्रेसी व जवान शहीद।
– 11 मार्च 2014 को नक्सलियों के टहकवाड़ा हमले में 15 जवान शहीद।
– 12 अप्रैल 2015 को दरभा में 5 जवानों सहित ड्राइवर व एएमटी शहीद।
– मार्च 2017 में भेज्जी हमले में 11 सीआरपीएफ जवान शहीद।