बर्लिन,:कोरोना महामारी के बीच वैक्सीन का काम चलने के बाद भी कई देशों में समस्याएं आ रही हैं। जर्मनी में ब्रिटेन से आया कोरोना का नया वेरिएंट ज्यादा घातक और तेजी से फैलने वाला हो गया है। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पान ने बताया कि ब्रिटेन का यह वेरिएंट देश में अब ज्यादा घातक हो गया है। नए संक्रमित लोगों में 22 फीसद मरीजों में इसी तरह के वेरिएंट का कोरोना मिला है। यह स्ट्रेन लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को खोलने में भी सावधानी की आवश्यकता है।
ब्रिटेन में तमाम लोग ऐसे हैं, जो संक्रमित होने के महीनों बाद भी उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। ब्रिटेन ने कहा है कि ऐसे मरीजों के संबंध में शोध के लिए अलग से 26 मिलियन डॉलर (करीब 188 करोड़ रुपये) का फंड बनाया है। वेटिकन सिटी ने अपने कर्मचारी के लिए नो वैक्सीन, नो जॉब का प्रावधान कर दिया है। यहां पर सभी को वैक्सीन लगवाना जरूरी कर दिया गया है।
अमेरिका के कई क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण वैक्सीन का काम ठप हो गया है। दक्षिणी प्रांत जार्जिया, अलवामा जैसे राज्यों में वैक्सीन की आपूर्ति में देरी हो गई है। न्यूयॉर्क के मेयर ने भी वैक्सीन के पहुंचने में देरी की संभावना जताई है। यही समस्या अन्य क्षेत्रों में भी आ रही है। मक्का में कोरोना की वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो गया है।
अमेरिका में अब तक तीस लाख बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। औसतन एक लाख बच्चों में से चार हजार बच्चे कोरोना संक्रमित हैं। नेपाल ने चीन की सिनोफार्मा कंपनी की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इससे पहले नेपाल ने भारत की वैक्सीन को अनुमति दी थी। नेपाल को भारत ने दस लाख वैक्सीन डोज मुफ्त उपलब्ध कराए हैं। दक्षिण अफ्रीका भारत से वैक्सीन लेकर अफ्रीकन यूनियन के देशों को सप्लाई करेगा। उसने दस लाख वैक्सीन डोज का आर्डर दिया है